26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर किसानों और पुलिस की बैठक खत्म हो चुकी है. हालांकि, अभी साफ नहीं है कि पुलिस ने मार्च की इजाजत दी है या नहीं. इधर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि ट्रैक्टर मार्च पर फैसला दिल्ली पुलिस को लेना है, वह इस मामले में दखल नहीं देगा. इस बीच आज ही किसानों और सरकार के बीच दो बजे दसवें दौर की बैठक भी हो रही है.
पुलिस और किसानों के बीच बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अधिकारी मौजूद हैं. स्पेशल सीपी दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. साथ ही यूपी और हरियाणा के अधिकारी भी हैं. किसानों को बताया जाएगा कि कोई भी बेतरतीब ट्रैक्टर रैली का हिस्सा नहीं हो सकता है. बाहरी रिंग रोड पर परमिशन नहीं है.
दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को बताया जाएगा कि अगर अनुमति दी जाती है तो दिल्ली पुलिस द्वारा तय किए गए मार्ग पर एक छोटी रैली की अनुमति दी जाएगी. इस बीच सरकार और किसानों के बीच वार्ता की सुगबुगाहट तेज हो गई है. हर बार की तरह उम्मीद तो यही है कि कोई रास्ता निकलेगा, गतिरोध दूर होगा.
अबतक 9 राउंड की बातचीत बेनतीजा रही है. इस बीच आंदोलन जारी है और आज आंदोलन का 56वां दिन है. सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि आज की बैठक से हमको कोई उम्मीद नहीं है. एक और तारीख सरकार आगे दे देगी. सरकार इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाल रही है. हम अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और परेड को डिस्टर्ब नहीं करेंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अभी सरकार हमें तोड़ने और डराने का काम कर रही है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे. हम सरकार को ये मौका नहीं देना चाहते हैं कि उन्हें कहना पड़े कि हमने बुलाया और आप नहीं आए. ट्रैक्टर रैली का रूट अभी फाइनल नहीं है, हम अखबार के माध्यम से इसकी जानकारी देंगे.