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दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RAPIDX का काम पूरा! जानिए कब से दौड़ेगी रैपिड रेल

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है. इसके प्राथमिक खंड का काम पूरा कर लिया गया है. जून 2023 में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच संचालन शुरू किया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है लेटेस्ट अपडेट.

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RRTS (Representational Image)
RRTS (Representational Image)

मेरठ से दिल्ली के बीच रैपिड रेल सेवा जल्द शुरू होने वाली है. यह देश की पहली रैपिड रेल होगी जो मेरठ और दिल्ली को आपस में जोड़ेगी. ताजा अपडेट के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच संचालन जल्द शुरू हो सकता है. प्रोजेक्ट की टाइमलाइन के मुताबिक, साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर का प्राथमिकता खंड संचालन के लिए तैयार है. पांच स्टेशनों साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो वाले इस सेक्शन को जून 2023 तक चालू किया जाना है. 

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जानें रैपिड रेल के फीचर्स 
आरआरटीएस ट्रेन के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2x2 सीटें होंगी. इसके अलावा, यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे. ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी. इसके एनर्जी की भी बचत होगी. 

आरआरटीएस ट्रेनों में विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें होंगी. इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड रहेगा. प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा.

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मेट्रो/ रेलवे और रैपिड रेल में अंतर 
रेलवे स्टेशनों में टिकट ऑनलाइन या काउंटर पर खरीदे जाते हैं तो वहीं मेट्रो स्टेशनों में स्मार्ट कार्ड, क्यू आर कोड वाले टिकट या टोकन का उपयोग कर यात्रा की जाती है. वहीं, इसके उलट आरआरटीएस में क्यूआर कोड-आधारित डिजिटल और पेपर टिकटिंग सुविधाएं मिलेंगी. स्टेशनों में ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी होंगे.

आरआरटीएस ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह ट्रेन 60 मिनट में 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. वहीं, दिल्ली मेट्रो की ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. 6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. हालांकि, साइड से यह मेट्रो की तरह नजर आती है. 

आरआरआरटीएस को उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो तेज गति और शांत तरीके से लंबी दूरी की यात्रा करना चाहते हैं. दूसरी ओर, मेट्रो को राष्ट्रीय राजधानी और उसके आस-पास के शहरों के भीतर विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

 

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