दिल्ली में पिछले साल बाढ़ ने जो हाहाकार मचाया उससे सबक लेते हुए अब दिल्ली सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. बाढ़ की स्थिति पैदा होने की संभावना से पहले ही सभी एजेंसियां सक्रिय करने के मकसद से शुक्रवार को राजस्व मंत्री आतिशी और सिंचाई-बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सचिवालय में एनडीआरएफ, दिल्ली पुलिस, नेवी, और आर्मी समेत दिल्ली सरकार की सभी एजेंसियों के साथ मैराथन बैठक की.
बाढ़ की स्थिति के लिए तैयार दिल्ली सरकार
बैठक में फैसला लिया गया कि दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनते ही सारी एजेंसियों को सक्रिय कर दिया जाएगा. राजस्व मंत्री आतिशी ने बताया कि 24 घंटे निगरानी के लिए पूर्वी दिल्ली के डीएम ऑफिस में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जहां सभी विभागों के अधिकारी हमेशा तैनात रहते हैं. अगर हथिनीकुंड से 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जाता है, तभी बाढ़ की स्थिति बनेगी और बाढ़ की स्थिति बनती भी है तो दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है.
दिल्ली सचिवालय में अपेक्स कमेटी की बैठक
दिल्ली सचिवालय में अपेक्स कमेटी की बैठक में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास, एमसीडी, जल बोर्ड, डीडीए, एनडीएमसी, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभाग के अफसर भी शामिल रहे. बैठक में मंत्रियों ने बाढ़ से निपटने को लेकर विभागों की तैयारियों की समीक्षा की. सभी विभागों को पिछले साल यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली में पैदा हुई बाढ़ की स्थिति से सबक लेकर खुद को पूरी तरह से तैयार करने का निर्देश दिया गया. बैठक में विशेष तौर पर एनडीआरएफ के अधिकारी भी शामिल हुए, ताकि आने वाले दिनों में अगर उनकी जरूरत पड़ती है, तो तत्काल मदद ली जा सके.
राजस्व मंत्री आतिशी ने रखे ये पॉइंट्स
बैठक के उपरांत राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि बीते 70 साल के इतिहास में दिल्ली में पिछले साल यमुना का जलस्तर अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा था. 17 जुलाई 2023 को यमुना ख़तरे के निशान से काफ़ी ऊपर 208.66 मीटर पर पहुंच गई थी. इससे पहले 1978 में यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था. पिछले साल यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली के अंदर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था.
पूर्वी दिल्ली के डीएम ऑफिस में बनाया गया कंट्रोल रूम
मंत्री आतिशी ने कहा कि इस बार दिल्ली सरकार बाढ़ से निपटने को लेकर पूरी तरह से तैयार है. अगर बाढ़ आने की थोड़ी भी संभावना है तो उससे निपटने लिए सरकार अपनी पूरी तैयारी कर रही है. बाढ़ को ध्यान में रखते हुए पूर्वी दिल्ली के डीएम ऑफिस में 24 घंटे संचालित कंट्रोल रूम बनाया गया है. कंट्रोल रूम में बाढ़ से संबंधित सभी विभाग के अधिकारी 24 घंटे लगातार मौजूद रहते हैं. यह कंट्रोल रूम लगातार हथनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी को लेकर हरियाणा के सिंचाई विभाग के संपर्क में है. साथ ही कंट्रोल रूम द्वारा यमुना के बहाव क्षेत्र के आसपास के मौसम की निगरानी भी की जा रही है और उस पूरे क्षेत्र में हो रही बारिश पर भी नजर रखी जा रही है.
अफसरों से ली गई तैयारियों की जानकारियां
मंत्री आतिशी ने कहा कि हथनीकुंड बैराज से जैसे ही 1 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा. उसी वक्त से राजस्व विभाग और बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग द्वारा राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इसके तहत यमुना के खादर इलाकों रह रहे लोगों को जागरूक करने के लिए मुनादी की जाती है. आवश्यकता के अनुसार वहां रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है और बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर लगाए जाते है. इन सब तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज अपेक्स कमेटी की बैठक हुई, जिसमें अधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली गई.
बैठक में शामिल हुए NDRF के भी अधिकारी
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि, इस बैठक में एनडीआरएफ़ के भी अधिकारी शामिल हुए. क्योंकि बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ़ भी राजस्व विभाग के साथ अपनी अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों द्वारा राहत और बचाव कार्यों में इस्तेमाल होने वाले सभी मशीनरी जैसे मोटर बोट, लाइफ जैकेट आदि का ब्यौरा भी अपेक्स कमेटी के सामने रखा गया. आतिशी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस बार दिल्ली में बाढ़ की स्थिति पैदा न हो. लेकिन अगर बाढ़ आती भी है तो दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
उधर, दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बरसात के मौसम में हमेशा यमुना का जल स्तर बढ़ने की आशंका रहती है. यमुना का जल स्तर बढ़ने से जुड़ी तैयारियों पर चर्चा के लिए आज फ्लड कंट्रोल अपेक्स कमेटी की बैठक हुई. पिछले महीनों में यमुना से गाद निकालने को लेकर सभी विभागों की बैठकें हुई हैं. शुक्रवार को हुई फ्लड कंट्रोल अपेक्स कमेटी की बैठक में विशेष तौर से यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने की स्थिति में राजस्व विभाग, बाढ़ नियंत्रण विभाग, राहत एवं बचाव कार्य से जुड़ी तमाम तैयारियों पर चर्चा हुई.
उन्होंने कहा कि पिछली बार हथिनीकुंड से ज्यादा पानी छोड़ा गया और आईटीओ बैराज के गेट नहीं खुले. इसके चलते बाढ़ की स्थिति बन गई थी. लेकिन इस बार आईटीओ बैराज के सभी गेट खुलवा दिए हैं और जो गेट नहीं खुले, उन्हें कटवा दिए गया है.