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Satyendar Jain Arrest: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार क्यों किया गया? उन पर क्या-क्या आरोप लगे हैं?

Satyendar Jain Arrest: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर आरोप है उनके मालिकाना हक और नियंत्रण वाली कंपनियों ने हवाला के जरिए पैसा लिया और उससे जमीनें खरीदीं.

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सत्येंद्र जैन के खिलाफ ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. (फाइल फोटो-PTI)
सत्येंद्र जैन के खिलाफ ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अगस्त 2017 में CBI ने दर्ज किया था केस
  • CBI के बाद ED ने दर्ज किया था मुकदमा
  • करोड़ों रुपये की हेराफेरी से जुड़ा है मामला

Satyendar Jain Arrest: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है. ये पूरा मामला करीब 5 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़ा हुआ है. 

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सत्येंद्र जैन को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है, वो 5 साल पुराना है. लिहाजा, उनकी गिरफ्तारी पर राजनीति भी शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि जिन कंपनियों का नाम सामने आया है, उनसे सत्येंद्र जैन ने मार्च 2013 में इस्तीफा दे दिया था. पार्टी ने दावा किया है कि पूछताछ में ED को कुछ नहीं मिला था, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के चुनाव से पहले इस मामले को फिर उठाया जा रहा है. 

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि सत्येंद्र जैन को एक फर्जी और निराधार केस में गिरफ्तार किया गया है और वो जल्द ही इससे बरी हो जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया कि 2018 में ED ने जैन को 7 बार समन किया था, लेकिन उन्हें कुछ मिला नहीं और जैसे ही आम आदमी पार्टी ने उन्हें हिमाचल का प्रभारी बनाया, वैसे ही इस केस को दोबारा खोल दिया गया.

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57 साल के सत्येंद्र जैन दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ अहम विभाग भी संभालते हैं. इस साल के आखिरी में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. पंजाब में जीत के बाद अब आम आदमी पार्टी को हिमाचल में भी जीत की उम्मीद है. 

ये भी पढ़ें-- केजरीवाल के करीबी, अन्ना आंदोलन के साथी, कहानी गिरफ्तार हुए सत्येंद्र जैन की

ये मामला है क्या?

- 24 अगस्त 2017 को CBI ने सत्येंद्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 109 और प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था. ये मामला आय से अधिक संपत्ति का था. 

- दिसंबर 2018 में CBI ने चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें बताया गया कि 2015 से 2017 के बीच पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन की संपत्ति में इजाफा हुआ है. CBI ने बताया कि सत्येंद्र जैन के पास उनके ज्ञात स्रोत से हुई कमाई से 200 फीसदी से ज्यादा संपत्ति है. 

- CBI की FIR के आधार पर ED ने भी सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया. ED ने अपनी जांच में कथित तौर पर पाया कि सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के मालिकाना हक और नियंत्रण वाली कंपनियों को हवाला के जरिए पैसा मिला. इसका इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए किया गया. 

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क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का केस, क्रोनोलॉजी समझिए

- चार कंपनियां हैं- पर्यास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड. इन कंपनियों में सत्येंद्र जैन और उनके परिवार के सदस्य शेयरहोल्डर्स हैं.

- ED से जुड़े सूत्रों ने बताया कि विधायक बनने से पहले सत्येंद्र जैन इनमें से तीन कंपनियों में डायरेक्टर थे, जबकि सभी चारों कंपनियों में उनके परिवार की हिस्सेदारी थी.

- इन कंपनियों ने 2010 से 2012 के बीच 11.71 करोड़ रुपये की रकम की हेराफेरी की. इसके अलावा 2015-16 में जब सत्येंद्र जैन विधायक थे, तब 4.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई.

- जानकारी के अनुसार, सत्येंद्र जैन ने अपने कर्मचारियों और एसोसिएट्स के जरिए ये पूरा पैसा नकद में कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के एंट्री ऑपरेटर्स को दिया. इसके बाद इन ऑपरेटर्स ने इन्वेस्टमेंट के रूप में इस पैसे को इन चारों कंपनियों में लगाया. 

- इन चारों कंपनियों पर कथित तौर पर सत्येंद्र जैन का कंट्रोल था. हालांकि, 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने इन कंपनियों के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. 

- बाद में यही पैसा शेल कंपनियों के जरिए शेयर खरीदने के लिए इन्वेस्टमेंट के रूप में आया. इस पैसे से 2010-11 और 2013-14 में 27.69 करोड़ रुपये की खेती की जमीन खरीदी गई थी.

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सियासत तेज, जैन को हटाने की मांग

सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने ही सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटाने की मांग की है. 

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हमेशा ईमानदारी की बात करते हैं, लेकिन अब लोग जानना चाहते हैं कि सत्येंद्र जैन को कैबिनेट से कब निकाला जा रहा है. 

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल कुमार ने जैन की गिरफ्तारी को सही कदम बताया है. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को बहुत पहले ही गिरफ्तार हो जाना चाहिए था. उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर जैन को बचाने का आरोप लगाया.

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने तो अरविंद केजरीवाल से ही इस्तीफा मांगा है. उन्होंने दावा कि ED ने जैन को गिरफ्तार करने से पहले सबूत इकट्ठे किए थे और अब नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

 

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