हवाई यात्रा के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकॉल को यात्रियों द्वारा सख्ती से पालन कराने को लेकर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान डीजीसीए ने कोर्ट को बताया कि यात्री प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं या नहीं, इसको लेकर सरप्राइज चेक किए जा रहे हैं. हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं कि यात्री कोविड-19 के मद्देनजर और नियमों का पालन गंभीरता से करें, जो यात्रा के दौरान जरूरी हैं.
हाई कोर्ट ने अभी कुछ वक्त पहले स्वतः संज्ञान लेकर इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी. क्योंकि दिल्ली से कोलकाता जाते वक्त हाई कोर्ट के जज सी हरिशंकर ने पाया कि एयरलाइन स्टाफ के कहने के बावजूद भी कई यात्री ना तो मास्क ही लगाने को तैयार थे और ना ही फेस शील्ड. कोर्ट ने एयरलाइंस और डीडीसीए को कहा कि ऐसे यात्रियों को डीबोर्ड किया जाना चाहिए. क्योंकि ऐसे यात्रियों के चलते बाकी और यात्रियों को कोविड संक्रमण का खतरा है.
सुनवाई के दौरान एयर इंडिया ने बताया कि जम्मू यात्रा के दौरान 4 यात्रियों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन न करने पर अनियंत्रित और बुरे व्यवहार वाले यात्रियों की श्रेणी में डाल दिया गया है. साथ ही एयर इंडिया ने बताया एयरलाइन ने हवाई यात्रा के द्वारा यात्रियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी कर दिया है, जिसका पालन करना हवाई यात्रा के दौरान अनिवार्य होगा. इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बाकी और प्राइवेट एयरलाइंस को भी कोविड-19 के मद्देनजर प्रोटोकॉल का यात्रियों से सख्ती से पालन कराना होगा.
कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से कोर्ट के मामले में दोबारा बढ़ रहे हैं, हवाई यात्रा के मद्देनजर सभी एयरलाइंस को अपने यात्रियों से नियमों का पालन अनिवार्य रूप से कराना होगा. कोर्ट का मानना है कि कुछ यात्रियों के नियमों का पालन ना करने के कारण सभी यात्रियों को कोविड-19 के संक्रमण का शिकार होना पड़ सकता है. ऐसे में यह एयरलाइंस और डीजीसीए की जिम्मेदारी है कि वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों से सख्ती से पालन कराएं.