scorecardresearch
 

'अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को जमानत दी जाए या नही...', दिल्ली हाईकोर्ट ने NIA से पूछा

आतंकी फंडिंग मामले में आरोपित कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एनआईए से रुख पूछा है. कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता ने जमानत अर्जी खारिज करने वाले निचली अदालत के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह चार साल से हिरासत में है और मुकदमे को समाप्त होने में लंबा समय लगेगा.

Advertisement
X
अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह (फाइल फोटो)
अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह (फाइल फोटो)

आतंकी फंडिंग मामले में आरोपित कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एनआईए से रुख पूछा है. दिल्ली हाई कोर्ट  ने निचली अदालत के जमानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ शाह की अपील पर NIA को नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी. 

Advertisement

अभी भी 400 से अधिक गवाहों से होनी है पूछताछ
कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता ने जमानत अर्जी खारिज करने वाले निचली अदालत के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह चार साल से हिरासत में है और मुकदमे को समाप्त होने में लंबा समय लगेगा.  यह भी दलील दी कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश का आदेश मामले के सुबूतों और संभावनाओं के कानून के विपरीत है. याचिकाकर्ता ने कहा कि अभी भी 400 से अधिक गवाहों से पूछताछ की जानी है और केवल 15 गवाहों से पूछताछ की गई है. इस पर एनआइए के वकील ने कहा कि वह कोर्ट के समक्ष संबंधित दस्तावेज दाखिल करेंगे.

दरअसल यह पूरा मामला साल 2017 में एनआइए ने पथराव, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के लिए धन जुटाने की साजिश के लिए 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

Advertisement

अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को जुलाई 2017 को श्रीनगर में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. शाह को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था और फिर उसे  दिल्ली लाया गया था. यहां शब्बीर शाह को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां सेED की कस्टडी में भेज दिया गया था. इसी मामले में NIA ने विस्तृत जांच की थी और  भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के लिए धन जुटाने की साजिश के लिए 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें शब्बीर शाह भी शामिल था.

ये है पूरा मामला 
दरअसल, अगस्त 2005 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने असलम वानी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. असलम पर हवाला कारोबार से जुड़े होने का आरोप था. आरोप था कि असलम ने शब्बीर शाह को अलग-अलग वक्त पर कुल 2.25 करोड़ रुपये दिए. जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत शब्बीर शाह और असलम वानी के खिलाफ केस दर्ज किया. वानी 63 लाख की नकदी के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया गया था. पुलिस का दावा था कि वानी के पास ये पैसा हवाला के जरिए मध्य एशिया से आया.

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में असलम वानी ने 63 में से 50 लाख रुपए शब्बीर शाह को देने की बात कबूली थी. साथ ही पुलिस ने ये भी दावा किया था कि असलम को इनमें से 10 लाख रुपए श्रीनगर में जैश-ए मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को दिए जाने थे. वहीं समन के बावजूद पेश होने के सवाल पर तब शब्बीर शाह ने अपनी सफाई में कहा था कि उसे पिछले तीन सालों से घर में गिरफ्तार कर रखा गया है और उसके वकील ईडी के सामने हर तारीख पर पेश हो रहे हैं.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement