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Brain mapping device क्या है जो दिल्ली में लॉन्च हुई है, क्या होगा इलाज में फायदा?

दिल्ली के आईबीएस अस्पताल ने 'ब्रेन मैपिंग डिवाइस' बनाई है. दावा है कि ये इस तरह की देश की पहली ब्रेन मैपिंग डिवाइस है. डॉक्टरों का कहना है कि इससे ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन सर्जरी का इलाज करने में मदद मिलेगी. खास बात ये है कि मैपिंग के दौरान दिमाग के दूसरे हिस्सों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है.

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दिल्ली के अस्पताल ने ब्रेन मैपिंग डिवाइस लॉन्च की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दिल्ली के अस्पताल ने ब्रेन मैपिंग डिवाइस लॉन्च की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राजधानी दिल्ली के आईबीएस अस्पताल ने 'ब्रेन मैपिंग डिवाइस' लॉन्च की है. इसे कनेक्टोमिक्स/क्विटकॉम नाम दिया गया है. दावा है कि ये इस तरह की देश की पहली ब्रेन मैपिंग डिवाइस है. डॉक्टरों का कहना है कि इस डिवाइस से ब्रेन ट्यूमर और दूसरी तरह की ब्रेन सर्जरी का इलाज करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा इसकी एक खास बात ये है कि ब्रेन मैपिंग के दौरान दिमाग के दूसरे हिस्सों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है.

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क्या होगा फायदा?

डॉक्टरों का कहना है कि पर्सनलाइज्ड ब्रेन मैपिंग से ब्रेन ट्यूमर और दूसरी तरह की ब्रेन सर्जरी करने में मदद मिलेगी. इस डिवाइस की मदद से दिमाग की बीमारियों से जुड़े इलाज ज्यादा सुरक्षित होंगे. डॉक्टरों का दावा है कि ये डिवाइस सटीक भी है, जिससे दिमाग के दूसरे हिस्सों को नुकसान नहीं होता है.

डॉक्टर्स इसे मेडिकल की दुनिया का चमत्कार मान रहे हैं. ये डिवाइस अत्याधुनिक एल्गोरिदम और क्लाउड कम्प्यूटिंग की तर्ज पर काम करती है. इस नई तकनीक से न्यूरोसर्जरी में काफी बदलाव लाया जा सकता है. 

आईबीएस अस्पताल के न्यूरोसर्जन और एमडी डॉ. सचिन कंधारी ने बताया कि ये डिवाइस न सिर्फ दिमागी बीमारियों के इलाज में मददगार होगी, बल्कि ऑपरेशन के पहले और बाद में मरीज के ब्रेन को एकदम नॉर्मल ब्रेन की तरह काम करने में भी मदद करेगी.

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कैसे काम करती है ये डिवाइस?

क्विकटॉम, नॉन इनवेसिव MRI स्कैन की मदद से लाखों डेटा प्वॉइंट्स को एनालाइज करेगा और हर रोगी के लिए उसके दिमाग में एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके एक खाका यानी मैप तैयार करेगा. 

इस डिवाइस से मरीज के ब्रेन का जो मैप तैयार होगा, उसे डॉक्टर कम्प्यूटर स्क्रीन पर देख सकेंगे. इससे न्यूरोसर्जिकल ऑपरेशन करना ज्यादा सुरक्षित होगा. 

 

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