वक़्फ़ बोर्ड को लेकर बनी जेपीसी ने वक़्फ़ बोर्ड Amendment Bill, 2024 पर आम जनता से ईमेल और लिखित पत्र के ज़रिए सुझाव मांगे थे. समिति के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वक़्फ़ बोर्ड Amendment Bill, 2024 पर 18 सितंबर 2024 तक समिति को 91,78,419 ई-मेल प्राप्त हुए थे. इनमें से इनबॉक्स की क्षमता अधिकतम 33,43,404 ई-मेल है. 12801 ई-मेल अटैचमेंट के साथ प्राप्त हुए हैं और 75650 ई-मेल स्पैम फोल्डर में हैं. समिति के अभी तक लिखित पत्रों के माध्यम से लगभग 30 लाख सुझाव पत्र आ चुके हैं.
सूत्रों के अनुसार ई-मेल और लिखित पत्रों के ज़रिए 1 करोड़ 20 लाख ज़्यादा सुझाव समिति के पास आ चुके हैं. समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने लोकसभा स्पीकर से मुलाक़ात कर ई-मेल और लिखित पत्रों को अध्ययन करने और रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त अधिक अधिकारियों उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. सूत्रों के अनुसार समिति के चेयरमैन 15 अधिकारियों और कर्मचारियों को जेपीसी की रिपोर्ट में करने मदद करने के लिए जोड़ा गया हैं.
बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक पर गुरुवार को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक भी हुई थी. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. सूत्रों के अनुसार जेपीसी की बैठक में बीजेपी की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के बीच तीखी बहस हो गई. बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने संजय सिंह पर उनके साथ अपमानजनक तरीके से बात करने का आरोप लगाया.
सूत्रों के अनुसार जेपीसी की बैठक में मौजूद सांसदों का कहना है कि बैठक के दौरान AAP सांसद संजय सिंह द्वारा मेधा कुलकर्णी के बारे में टिप्पणी की गई, उससें वो बेहद परेशान और भावुक हो गईं. बैठक में लंच टाइम के दौरान समिति के चेयरमैन जगदंबिका पाल के हस्तक्षेप के बाद संजय सिंह ने मेधा कुलकर्णी से माफ़ी भी मांगी. मेधा कुलकर्णी ने समिति के चेयरमैन से कहा कि बैठक के दौरान उनका अपमान किया गया था और संजय सिंह बैठक के दौरान ही माफी मांगें. सूत्रों की मानें तो बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने बैठक में कहा कि बाहर इस तरह अफ़वाह फैलाई जा रही है कि अगर ये बिल संसद से पास हो गया तो सभी मस्जिदों को हटाया दिया जाएगा और मस्जिदों की ज़मीन पर कब्जा कर लिया जाएगा. इस तरह से अफ़वाह ना फैलाई जाए.