दिल्ली के उप-राज्यपाल वी. के. सक्सेना ने एंटी-करप्शन ब्रांच (ACB) को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के करप्शन में लिप्त होने को लेकर जांच करने का आदेश दिया है. हाल ही में एलजी की ओर से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसे लेकर पूरा सियासी घमासान छिड़ गया था. अब दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी के लिए ये नया मामला हो सकता है.
हाई कोर्ट के आदेश पर जांच के निर्देश
एलजी ने जांच के ये आदेश बुराड़ी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में दलालों और ऑटो फाइनेंसर्स/अनधिकृत डीलर्स के साथ अधिकारियों के साठ-गांठ करने और भ्रष्टाचार को अंजाम देने के मामले में दिए हैं. कई ऑटो रिक्शा यूनियंस ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक क्रिमिनल रिट याचिका दायर की थी. संगठनों ने याचिका में आरटीओ में बड़े स्तर पर हो रहे कथित भ्रष्टाचार और ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स को परेशान किए जाने की शिकायत की थी. इस पर कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था और इसी के आधार पर एलजी ने जांच के आदेश दिए हैं.
महीने भर में जमा करें जांच रिपोर्ट
एलजी वी. के. सक्सेना ने जांच को पूरा कर एक महीने के अंदर व्यापक रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं. सतर्कता निदेशालय ने इस मामले की जांच की थी और पाया था कि याचिकाकर्ताओं ने आरटीओ में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं इन कामों का असर ऑटो ड्राइवर्स पर पड़ रहा है. आरोप है कि आरटीओ अधिकारियों और एमएलओ के साथ मिलकर ऑटो परमिटों को ट्रांसफर किया गया.
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच एक्साइज पॉलिसी-2021 को लेकर भी तनातनी देखी गई थी. दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी के माध्यम से करप्शन करने को लेकर उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. उन्होंने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर ये अनुशंसा की है. इसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है.