दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले एक अहम राजनीतिक घटनाक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अपील की है. यह सत्र नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की लंबित 14 रिपोर्ट्स को पेश करने के उद्देश्य से बुलाने की बात कही गई है. ये रिपोर्ट्स पिछले एक साल से विधानसभा में पेश होने का इंतजार कर रही है.
रिपोर्ट्स में क्या है खास?
इन रिपोर्ट्स में शराब आपूर्ति के नियमन, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे की स्थिति और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कार्यप्रणाली समेत कई अहम मुद्दों पर ऑडिट शामिल हैं. खास बात यह है कि ये रिपोर्ट्स उस अवधि से जुड़ी हैं, जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे.
रिपोर्ट्स को समय पर पेश किया जाना जरूरी
उपराज्यपाल सक्सेना ने संविधानिक दायित्वों का पालन करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इन रिपोर्ट्स का समय पर पेश किया जाना पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. उन्होंने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (GNCTD Act, 1991) की धारा 48 का हवाला दिया. सक्सेना ने इन रिपोर्ट्स को शासन में पारदर्शिता का "मूल आधार" बताया.
एलजी ने चिट्ठी में की सरकार की आलोचना
अपने पत्र में LG ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पिछली और मौजूदा सरकारों ने इस संवैधानिक दायित्व की अनदेखी की है, जिससे विधायिका की कार्यपालिका पर नियंत्रण रखने की क्षमता कमजोर हुई है. गौरतलब है कि इन रिपोर्ट्स को पेश करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका लंबित है. इस याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि वह सरकार को CAG रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने का निर्देश दे. उपराज्यपाल ने कहा कि यह रिपोर्ट्स सरकार की वित्तीय और प्रशासनिक स्थिति को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं और इनके जरिए विधानसभा अपनी भूमिका प्रभावी तरीके से निभा सकती है.