दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को 1 अप्रैल से आम जनता के लिए खोल दिया गया. दावा है कि एक्सप्रेस वे से दिल्ली से मेरठ की दूरी 45 मिनट में तय होगी और गाजियाबाद से मेरठ जाने में केवल 30 मिनट का समय लगेगा. ऐसे में दिल्ली के निजामुद्दीन से आज तक की टीम यह जानने के लिए निकली कि आखिरकार दावे के हिसाब से क्या दिल्ली से मेरठ 45 मिनट में पहुंचा जा सकता है. क्योंकि जिस मेरठ शहर की चौहद्दी को छूने में पहले 2 से 3 घंटे लग जाया करते थे, वहां एक घंटे से भी कम समय में पहुंचना तो वाकई किसी सपने जैसा था.
आज तक की टीम ने गुरुवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर दोपहर तकरीबन साढ़े बारह बजे सफर की शुरुआत की. मोबाइल फोन का टाइमर ऑन किया और निकल पड़े मेरठ की ओर. पहले 20 मिनट में टीम ने अक्षरधाम यूपी-बॉर्डर और गाजियाबाद के तमाम इलाकों को पार करते हुए चिपियाना तक की दूरी तय की. चिपियाना में इस वक्त एक रेलवे ब्रिज बन रहा है और उसकी वजह से टीम को 5 से 7 मिनट तक जाम से जूझना पड़ा.
दिल्ली से मेरठ तक के इस सफर में पूरे एक्सप्रेस वे में यह एकमात्र ऐसी जगह थी, जहां कोई रुकावट झेलनी पड़ी हो. इसके अलावा सारी जगहों पर गाड़ियां फर्राटे के साथ दौड़ रही थीं और इस एक्सप्रेस वे के फायदों से हमें दो चार करवा रही थी. एक्सप्रेस वे की दोनों ओर की तस्वीरें भी कुछ खास थी, क्योंकि दोनों तरफ गांव में फसलों को देखना अपने आप में एक अलग सा अनुभव था.
मोदीनगर और मुरादनगर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों से होते हुए मेरठ पहुंचने की तुलना में यह अनुभव वाकई नया था. मेरठ से तकरीबन 10 किलोमीटर पहले दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे खत्म हो गया और वहां तक हमें पहुंचने में लगे 1 घंटे 2 मिनट. हालांकि, इस सफर में हमें किसी भी टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ा लेकिन आने वाले समय में टोल की राशि तय करने के बाद यह सफर थोड़ा महंगा जरूर होगा.
राहगीरों ने कहा, अब सफर हो जाएगा आसान
नोएडा की रहने वाली दिया मित्रा हमें मेरठ में एक्सप्रेसवे के ठीक पास मिल गईं. मसूरी से अपने पति के साथ आती हुई दिया बताती हैं कि पहले हमें कम से कम मेरठ पहुंचने में 2 से ढाई घंटे लगते थे. अब इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद यह सफर वाकई काफी आसान और सुविधाजनक हो जाएगा. दिया के पति अनिल बताते हैं कि पहला दिन है और वाकई यह एक सुखद अनुभव है. यह देखने में काफी खूबसूरत लग रहा है, राह तो आसान होगी ही.
मेरठ के रहने वाले पवन कुमार उपाध्याय जो कि पेशे से हलवाई हैं, उन्हें दिल्ली तक तो नहीं जाना था लेकिन 1 घंटे का सफर वह रोजाना मेरठ से तय किया करते थे. उनका मानना है कि पहली दफा वह इस रास्ते से जरूर आ रहे हैं लेकिन अब घंटे भर का सफर महज कुछ मिनटों में पूरा हो जाएगा.
हमें इस दौरान कुछ युवा भी मिल गए जो कि एक साथ इस एक्सप्रेस वे के पहले दिन पर सफर करने का सुखद आनंद लेना चाहते थे. वासु भारद्वाज बताते हैं कि इससे मेरठ का रंग बिल्कुल बदल जाएगा. पहले यहां से दिल्ली जाने में 3 घंटे लगते थे, लेकिन अब 1 घंटे या उससे कुछ अधिक समय में भी हम दिल्ली पहुंच सकते हैं.
वहीं सक्षम त्यागी बताते हैं कि ऐसी सड़कों की जरूरत तो वाकई काफी ज्यादा थी, हालांकि यह थोड़ा महंगा जरूर पड़ेगा लेकिन रास्ता आसान हो जाएगा. अतुल कुमार ने कहा कि दिल्ली से मेरठ जाने के रास्ते में जाम एक बहुत बड़ा मुद्दा रहता था. चाहे किसी काम के लिए दिल्ली जाना हो या सगे संबंधियों से मिलने हमें घंटों तक जाम से दो-चार होना पड़ता था, लेकिन अब रास्ता वाकई बदल गया है.