देश की पहली रैपिड रेल की शुरुआत जल्द होने जा रही है. इसका ट्रायल रन चल रहा है. मेरठ से दिल्ली तक रैपिड रेल के ज़रिए लोग 45 मिनट में सफर तय कर सकेंगे. इसके पहले सेक्शन की शुरुआत अब किसी भी दिन हो सकती है. पहला सेक्शन गाजियाबाद के दुहाई से साहिबाबाद तक है जो 17 किलोमीटर है. इस बीच पांच स्टेशन हैं. साहिबाबाद,गाजियाबाद, गुलधर,दुहाई और दुहाई डिपो.
दिल्ली से मेरठ तक का रूट 82 किलोमीटर का है, जिसमें 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ 25 स्टेशन हैं. बता दें, रैपिड रेल में सफर करने पर किराए को लेकर मंथन चल रहा है. पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा, मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में कार्य होगा, तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच कार्य पूरा होगा. वर्ष 2025 में रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती नजर आएगी. यह सफर महज 55 मिनट में पूरा हो जाएगा.
दुहाई यार्ड में 13 ट्रेनों को खड़े करने की व्यवस्था है इसलिए प्रथम चरण में 13 रैपिड ट्रेनों के ही संचालन की तैयारियां की जा रही है, जबकि दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रूट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है. गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर तैयार किया जा रहा है. जल्द शुरू होने वाले प्रथम चरण के साथ ही पूरे रूट पर दौड़ने वाली सभी रैपिड ट्रेनों का संचालन और नियंत्रण इसी ऑपरेशंस सेंटर से कमांड किया जाएगा.
जानें रैपिड रेल के फीचर्स
आरआरटीएस ट्रेन के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2x2 सीटें होंगी. इसके अलावा, यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे. ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी. इसके एनर्जी की भी बचत होगी. आरआरटीएस ट्रेनों में विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें होंगी.
इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड रहेगा. प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा.