दिल्ली-एनसीआर को सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक माना जाता है. यहां पर हर तरह की सुविधा है, स्टेशन है, एयरपोर्ट है और मेट्रो का एक बड़ा जाल बिछा हुआ है. लेकिन फिर भी बढ़ती आबादी के साथ इस क्षेत्र की जरूरत भी बदल रही है और चुनौतियां भी कई आ रही हैं. अब उन्हीं चुनौतियों को समझते हुए दिल्ली-एनसीआर के लिए अगले 20 साल का रोडमैप तैयार कर लिया गया है. अब पहले से ही अनुमान लगा लिया गया है कि साल 2041 तक कितना बदल सकता है दिल्ली-एनसीआर.
दिल्ली-एनसीआर का भविष्य
जानकारी के लिए बता दें कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने ड्राफ्ट रीजनल प्लान-2041 को मंजूरी दे दी है. इस मास्टर प्लान के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर को झुग्गी मुक्त कर दिया जाएगा, हेलीटैक्सी, एयर एंबुलेंस, बुलेट ट्रेन जैसा अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट रहेगा और दिल्ली के करीबी क्षेत्रों को 30 मिनट के अंदर पूरा करने का प्रयास रहेगा.
इस सब के अलावा ट्रांसपोर्ट को और ज्यादा बेहतरीन बनाने के लिए दो नए एक्सप्रेस वे बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. इस लिस्ट में सर्कुलर एक्सप्रेस-वे के जरिए कम समय में पानीपत-शामली-मेरठ-जेवर-नूह-भिवाडी-रेवाड़ी-झज्जर-रोहतक-पानीपत का सफर तय करने की तैयारी है, वहीं दूसरे एक्सप्रेस वे के जरिए करनाल-मुजफ्फरनगर-गढ़मुक्तेश्वर-नरौरा-अलीगढ़ वाला रास्त कवर किया जाएगा. ऐसा होते ही दिल्ली-एनसीआर में चार एक्सप्रेस वे उपलब्ध हो जाएंगे. अभी के लिए यहां पर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस पहले से बने हुए हैं.
छोटा हो जाएगा दिल्ली-एनसीआर?
इस सब के अलावा एक महत्वपूर्ण बदलाव ये भी होने जा रहा है कि अब दिल्ली-एनसीआर की सीमा को छोटा किया जा रहा है. दरअसल पहले दिल्ली-एनसीआर का क्षेत्र 175 किलोमीटर तक फैला हुआ था. उसमें दिल्ली-एनसीआर के कई दूर-दराज वाले गांव भी शामिल थे. लेकिन अब ड्राफ्ट रीजनल प्लान-2041 के मुताबिक इस क्षेत्र को 100 किलोमीटर तक सीमित कर दिया जाएगा. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में सात मेट्रो सेंटर होने जा रहे हैं- फरीदाबाद-बल्लभगढ़ , गुड़गांव-मानेसर, गाजियाबाद-लोनी, नोएडा, सोनीपत-कुंडली, ग्रेटर नोएडा और मेरठ.
वैसे इस मास्टर प्लान के मुताबिक अगले दस साल में दिल्ली-एनसीआर की आबादी 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी. वहीं 2041 तक ये आंकड़ा 11 करोड़ को छू लेगा. ऐसे में बढ़ती आबादी का इस क्षेत्र पर भी तगड़ा असर देखने को मिलेगा. इसी वजह से ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर पर जरूरत से ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है.
सिर्फ ड्राफ्ट तैयार, फाइनल निर्णय बाकी
जानकारी के लिए बता दें कि इस जरूरी मीटिंग में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन, यूपी और राजस्थान के मंत्री ने हिस्सा लिया था. इस मीटिंग को चेयर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया था. जोर देकर कहा गया है कि ये सिर्फ एक ड्राफ्ट है और अभी लोगों से सुझाव लिए जाएंगे. सभी से बातचीत के बाद ही कोई फाइनल निर्णय लिया जाएगा.
पीटीआई इनपुट