दिवाली के बाद से एक हफ्ते से अधिक समय से दिल्ली-एनसीआर वायु प्रदूषण की चपेट में है और धुंध की चादर ओढ़े हुए है. कोरोना के चलते मास्क का प्रयोग पहले से ही हो रहा है लेकिन ये प्रदूषण के खिलाफ भी जरूरी हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्लीवालों को N95 मास्क पहनना होगा. इंडिया टुडे ने टॉप पल्मोनोलॉजिस्ट से इस संकट और इसे कम करने के लिए आवश्यक कदमों के बारे में बात की.
दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक
अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राजेश चावला का कहना है कि राजधानी के अधिकांश हिस्सों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का स्तर 'खतरनाक' तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा, 'हवा में दो प्रमुख घटक पीएम 10 और पीएम 2.5 हैं. और दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक तक पहुंच गया है.'
शरीर में गया पीएम 2.5 तो होगी मुसीबत
चावला ने कहा, 'पीएम 2.5 एक बहुत ही बारीक कण है. जब यह आपके शरीर के अंदर जाता है, तो यह फेफड़ों की परिधि तक जा सकता है और यहां तक कि एल्वियोली (फेफड़ों के आंतरिक भाग) तक भी पहुंच सकता है. यह रिएक्शन कर सकता है और बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता है. वहां से यह खून में भी समा सकता है. पीएम 2.5 न केवल आंखों और गले में जलन जैसी बीमारी का कारण बनता है, बल्कि फेफड़ों की पुरानी बीमारी, स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति भी पैदा करता है. गंभीर परिस्थितियों में मरने की संभावना भी अधिक हो जाती है.'
एन95 मास्क बेहतर विकल्प
उन्होंने बताया कि "थ्री-प्लाई मास्क पीएम 3 से ऊपर के कणों से रक्षा कर सकता है. यह पीएम 2.5 से लगभग 60% सुरक्षा देता है. लेकिन अगर आप पीएम 2.5 से पूरी सुरक्षा चाहते हैं, तो एन95 मास्क को अपनाना सबसे अच्छा विकल्प है. डॉ प्रदूषण का स्तर इतना अधिक होने के कारण डॉक्टर ने यह भी सलाह दी कि लोगों को बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनना चाहिए.