दिल्ली में एक नामी-गिरामी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई. हादसा ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव IAS कोचिंग सेंटर में हुआ. इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इस बीच दिल्ली सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
दिल्ली फायर डिपार्टमेंट को शनिवार शाम सात बजे कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने की सूचना मिली थी. डिपार्टमेंट को कॉल किया गया था कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया है और कई छात्र फंसे हुए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. आलम ऐसा था कि गोताखोरों को पानी में उतारना पड़ा.
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र नगर हादसे में तीनों मृतकों की पहचान 25 वर्षीय तानिया सोनी पुत्री विजय कुमार, 25 वर्षी श्रेया यादव पुत्री राजेंद्र यादव और 28 वर्षीय नेवीन डाल्विन के रूप में हुई है. तानिया और श्रेया यूपी की रहने वाली थी तो नेवीन केरल के रहने वाले थे. वो देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान जेएनयू से पीएचडी कर रहे थे.
बेसमेंट में कैसे भरा पानी ?
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी बनी हुई है. इस वजह से यहां ठीक-ठाक संख्या में छात्र पढ़ रहे थे. फायर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अतुल गर्ग के मुताबिक, घटना के वक्त 30 से 35 स्टूडेंट्स मौजूद थे, जिनमें से तीन फंस गए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीन छात्रों के शव बरामद किए गए. मरने वालों में दो छात्राएं और एक छात्र है.
इस घटना में जान गंवाने वाला एक छात्र नेविन डाल्विन केरल का रहने वाला था. लेकिन बीते छह से आठ महीने से दिल्ली में रह रहा था. नेविन पटेल नगर में रह रहा था और कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी में पढ़ने गया था. वह जेएनयू से पीएचडी कर रहा था.
डीसीपी (सेंट्रल दिल्ली) एम हर्षवर्धन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि शनिवार शाम को दिल्ली में भारी बारिश हुई, जिस कारण सड़क पर पानी भर गया था. अब इस मामले की जांच की जा रही है कि बेसमेंट में पानी इतनी तेजी से कैसे भर गया.
वहीं, दिल्ली से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज का दावा है कि नाले की सफाई नहीं हो पाने के कारण बेसमेंट में पानी भर गया. बांसुरी स्वराज ने दावा किया कि हफ्ते भर से बार-बार यहां के लोग विधायक दुर्गेश पाठक से नाले की सफाई करवाने को कह रहे थे, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यहीं का पानी जाकर बेसमेंट में भर गया.
बीजेपी नेता आरपी सिंह ने कहा कि यहां पर डिसिल्टिंग का काम समय पर नहीं हुआ. अगर डिसिल्टिंग का काम समय पर हो जाता तो ये दुर्घटना नहीं होती. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और विधायक को जवाब देना चाहिए कि डिसिल्टिंग का काम क्यों नहीं हुआ और उसका पैसा कहां गया?
2-3 मिनट में पानी से भर गया था बेसमेंट
शुरुआती जांच में पता चला है कि बेसमेंट में लाइब्रेरी थी, जहां कई छात्र मौजूद थे. बेसमेंट में अचानक पानी भरने लगा था. रस्सियां फेंककर फंसे हुए छात्रों को वहां से निकाला गया.
एक छात्र ने बताया कि शाम 7 बजे लाइब्रेरी बंद होने पर जैसे ही हम बाहर निकले, तो सामने से बहुत तेज प्रेशर से पानी आ रहा था. जब तक हम लोग लाइब्रेरी खाली करते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था.
उसने बताया कि बहाव इतना तेज था कि हम सीढ़ियां नहीं चढ़ पा रहे थे. 2-3 मिनट के अंदर पूरे बेसमेंट में 10-12 फुट पानी भर गया. वहां से निकलने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी इतना गंदा था कि कुछ भी नहीं दिख रहा था.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेसमेंट में इतना पानी भर गया था कि लाइब्रेरी के फर्नीचर तैरने लगे थे. इस कारण भी रेस्क्यू ऑपरेशन में भी बहुत दिक्कत हो रही थी.
4 मोटर पंप से निकाला पानी
भारी बारिश के कारण सड़क पर पहले से ही पानी भरा था. ऐसे में बेसमेंट में पानी भरने के बाद उसे निकालने के लिए मोटर पंप का इस्तेमाल किया गया. बताया जा रहा है कि चार मोटर पंप के जरिए पानी निकाला गया.
वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए डाइवर्स (गोताखोरों) की मदद ली गई. बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि रेस्क्यू के लिए डाइवर्स को उतारा गया है तो समझ सकते हैं कि वहां कितनी गंभीर स्थिति होगी.
देर रात तीनों छात्रों के शव बरामद होने के बाद डीसीपी एम. हर्षवर्धन ने बताया था कि सात फीट पानी अभी भी भरा हुआ है और उसे निकाला जा रहा है.
अब आगे क्या?
डीसीपी हर्षवर्धन के मुताबिक, तीनों छात्रों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर दो लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं, दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने इस पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने 24 घंटे की भीतर रिपोर्ट भी मांगी है.