दिल्ली में प्रदूषण का ऐसा स्तर देखने को मिल रहा है कि इस समय यहां पर सांस लेना भी गुनाह जैसा है. क्या नोएडा क्या गाजियाबाद और क्या गुरुग्राम, हर जगह धुएं की धुंध ने जीना दुश्वार कर दिया है. अब ऐसे में दिल्ली का प्रदूषण जरूर परमानेंट दिखाई पड़ता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ऐसे सीजेआई रहे हैं जिन्होंने समय-समय पर इन परिस्थितियों के लिए सभी को चेताया है.
दिल्ली के प्रदूषण पर कोर्ट रहा है सख्त
अब कहा जाने लगा है कि CJI बदलते रहे लेकिन दिल्ली में प्रदूषण के हालात नहीं. CJI एचएल दत्तू ने अक्टूबर, 2015 में इसी मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि मेरे पोते को दिल्ली के प्रदूषण के कारण मास्क पहनना पड़ता है. एक निंजा की तरह दिखता है. फिर CJI टीएस ठाकुर ने दिसंबर, 2015 में कहा था कि दिल्ली बदनाम हो गई है कि यह सबसे प्रदूषित शहर है. पिछले हफ्ते एक जज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस से दिल्ली आए थे, हमें उन्हें यह बताने में बहुत शर्मिंदगी हुई कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर क्या है
हर सीजेआई ने दी चेतावनी
अब वर्तमान सीजेआई एनवी रमना ने भी बढ़ते प्रदूषण पर तल्ख टिप्पणी कर दी है. उन्होंने बताया है कि प्रदूषण के कारण घर के अंदर भी मास्क पहनना पड़ रहा है,तुंरत कदम नहीं उठाए तो लोग कैसे रहेंगे. वैसे सिर्फ पूर्व या फिर वर्तमान सीजेआई ने चिंता जाहिर नहीं की है, आने वाले भी जो सीजेआई हैं वे भी प्रदूषण के इस बढ़ते खतरे से खासा परेशान हैं.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (नवंबर, 2022 में सीजेआई होंगे) कहते हैं कि हम छोटे बच्चों को खतरनाक हवा में उजागर कर रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत (नवंबर 2025 में सीजेआई होंगे) ने कह दिया है कि वायु प्रदूषण के लिए हर बार किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है.