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राजधानी दिल्ली में शनिवार को रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई. दिल्ली की सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं. जगह-जगह पानी भर गया. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) इस भारी बारिश में भी डटे रहे. टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर समर्थकों के साथ पानी में बैठे रहे. पानी में बैठे हुए उनकी कई तस्वीरें सामने आई हैं.
गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर पिछले साल नवंबर से ही किसान डटे हुए हैं. किसान तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द करने की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं.
शनिवार को हुई भारी बारिश की वजह से गाजीपुर पर किसानों के बने तंबू भी उखड़ गए. काफी नुकसान होने की भी खबर है. गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत अपने समर्थकों के साथ पुलिस बैरिकैडिंग के आगे बैठे हुए थे.
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'राकेश टिकैत ने जलजमाव वाली सड़क पर बैठकर अपना धरना जारी रखा. हम काफी वक्त से मांग कर रहे हैं कि यहां से दिल्ली की ओर जाने वाले नालों की सफाई कराई जाए, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.'
उन्होंने बताया कि भारी बारिश और जलभराव से उनके टेंट, लंगर और अस्थायी ढांचे को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा, 'अब किसानों ने तीनों मौसम (सर्दी, गर्मी और बारिश) देख लिए हैं और अब किसान किसी से डरने वाले नहीं हैं.'
राकेश टिकैत की ये तस्वीरें तब सामने आई हैं, जब एक दिन पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 27 सितंबर को 'भारत बंद' का ऐलान किया है. राकेश टिकैत कई बार कह चुके हैं कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा.
10 महीने से चल रहा किसान आंदोलन
पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे. इन्हीं तीन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. किसान और सरकार के बीच 11 बार बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी. किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे और MSP पर गारंटी का कानून लेकर आए. लेकिन सरकार का कहना है कि वो कानूनों को वापस नहीं ले सकती. अगर किसान चाहते हैं, तो उनके हिसाब से इसमें संशोधन किए जा सकते हैं.