दिल्ली सेवा बिल को मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पेश कर दिया है. जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP और नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने इस बिल पर मोदी सरकार का समर्थन कर दिया है. इससे आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वह इस बिल को राज्यसभा में रोकने की रणनीति बना रही थी. वहीं इसको लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने इन पार्टियों से पूछा कि उन्हें इस बिल में क्या अच्छा लगा?
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि मैं दिल्ली सेवा प्राधिकरण विधेयक का समर्थन करने वाले बीजेपी सांसदों को समझ सकता हूं, लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि बीजेडी और वाईएसआरसीपी पार्टियों को विधेयक में क्या चीज अच्छी लगी?
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा, "क्या ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ दोनों दलों को 3 सदस्यीय प्राधिकरण में यह ठीक लग रहा है, जहां मुख्यमंत्री केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो अधिकारियों के मुकाबले सिर्फ एक होगा? क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जहां दो अधिकारी कोरम का गठन कर सकते हैं और बैठक आयोजित कर सकते हैं और मुख्यमंत्री की भागीदारी के बिना निर्णय ले सकते हैं?"
अधिकारियों के अंडर में होंगे दिल्ली के मंत्री: चिदंबरम
इसके अलावा पी चिदंबरम ने पूछा कि उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जहां दो अधिकारी मुख्यमंत्री को खारिज कर सकते हैं? क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जहां लेफ्टिनेंट गवर्नर प्राधिकरण के सर्वसम्मत निर्णय को भी खारिज कर सकते हैं? क्या उन्हें उस प्रावधान में अच्छाई दिख रही है जो केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार के मंत्रियों को छोड़कर दिल्ली सरकार में काम करने वाले अधिकारियों की "शक्तियों और कर्तव्यों" को परिभाषित करने का अधिकार देता है?
पूर्व वित्त मंत्री ने पूछा है कि क्या दोनों पार्टियों को यह एहसास हो गया है कि यदि विधेयक पारित हो गया तो अधिकारी मालिक होंगे और मंत्री अधीनस्थ?
लोकसभा में NDA के 333 सांसद
लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है. बीजेपी के पास 301 सांसद और एनडीए के पास 333 सांसद हैं. वहीं पूरे विपक्ष के पास कुल 142 सांसद हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के हैं. ऐसे में लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश पर बिल मोदी सरकार आसानी से पास करा लेगी.
राज्यसभा में बिल को रोक पाएगा विपक्ष?
राज्यसभा में बीजेपी के 93 सांसद हैं, जबकि सहयोगी दलों को मिलाकर यह 105 हो जाते हैं. इसके अलावा बीजेपी को पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन मिलना तय है. ऐसे में बीजेपी के पास कुल 112 सांसद हो जाएंगे. हालांकि, ये बहुमत के आंकड़े से 8 सांसद कम हैं. वहीं, विपक्षी दलों पर 105 सांसद हैं.
बीजेपी को बीएसपी, जेडीएस और टीडीपी के एक-एक सांसदों से भी समर्थन की उम्मीद है. अब ये तय हो गया है कि बीजेपी को बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन मिलेगा. दोनों पार्टियों के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं. ऐसे में बीजेपी को आसानी से बहुमत मिल जाएगा.