दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गया है. वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया. वोटिंग के दौरान जब स्पीकर ओम बिरला बोल रहे थे तब AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने सत्ता पक्ष के सांसदों पर कागज फाड़कर फेंका. इसके लिए सुशील कुमार रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी के लोकसभा में एक मात्र सांसद हैं. बिल पास होने के बाद लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि दिल्ली सेवा बिल सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
दिल्ली सेवा बिल मौजूदा अध्यादेश की जगह लेगा जो दिल्ली सरकार को अधिकांश सेवाओं पर नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द कर देगा. यह अध्यादेश अरविंद केजरीवाल की AAP और केंद्र के बीच एक प्रमुख टकराव रहा है.
इस बिल को पास करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाषण दिया. अमित शाह ने इस दौरान INDIA गठबंधन पर जमकर निशाना साधा. शाह ने कहा अभी तक ये लोग चर्चा के लिए कह रहे थे कि पीएम आएं तब चर्चा होगी लेकिन आज क्या हुआ? आज तो पीएम नहीं आए फिर चर्चा में क्यों हिस्सा लिया? शाह ने कहा कि हम मणिपुर पर चर्चा को तैयार हैं, जितनी लंबी चर्चा करनी है, करें. जवाब मैं दूंगा.
'बिल पास होते ही केजरीवाल गठबंधन से बाय बोल देंगे'
शाह ने कहा कि ये विपक्षी दल सिर्फ अपना 'INDIA' गठबंधन बचाने के लिए एक साथआए हैं. विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि आपके गठबंधन से सुपारी जैसी छोटी पार्टियां छोड़कर ना चलीं जाएं, इसकी चिंता है आपको. कोई तो बोल देता कि हम इसलिए आए हैं कि केजरीवाल गठबंधन से ना चले जाएं. शाह ने कहा कि देखना ये बिल संसद से पास होते ही अरविंद केजरीवाल इस 'INDIA' को बाय-बाय बोलकर चले जाएंगे.
'हमें भी कानून बनाने का अधिकार'
गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के पक्ष में कहा कि ‘अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को संदर्भित करता है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली को लेकर किसी भी मुद्दे पर सरकार को कानून बनाने का अधिकार है. संविधान में भी हमें ये अधिकार दिया गया है.'
'आप खुद एक्सपोज हो गए...'
विपक्ष पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, ये जनता सब जानती है. आज आपने अपने आप को एक्सपोज किया. सदन जनता को गुमराह करने की जगह नहीं है. शाह ने कहा कि दिल्ली राज्य तक नहीं है. ये एक केंद्र शासित प्रदेश है, उसमें भी राजधानी क्षेत्र है.
चुनाव लड़ने से पहले नियम पढ़ लिए होते तो आज नहीं कहते कि अधिकार नहीं है. हम ने इसको नहीं बनाया है. शाह ने कहा कि इससे पहले झगड़ा नहीं हुआ लेकिन अब झगड़ा करने का स्वभाव ही है तो क्या कर सकते हैं. दिल्ली में मंत्री के सिग्नेचर से कैबिनेट नोट जा रहा है. नियम के हिसाब से कुछ नहीं चल रहा है इसलिए नियम बनाने पड़ रहे हैं.
19 मई को केंद्र सरकार लाई अध्यादेश
गौरतलब है कि 19 मई को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत के आदेश को रद्द करने के लिए एक अध्यादेश पेश किया था, जिसने दिल्ली में निर्वाचित सरकार को नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को संभालने का अधिकार दिया था. दिल्ली सेवा विधेयक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए है.
दिल्ली की AAP सरकार ने विधेयक को अलोकतांत्रिक बताया. AAP ने भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र पर कानून के शासन को खत्म करने और राजधानी में अधिकारियों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.
AAP ने साधा निशाना
वहीं लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ तीखा रुख अपनाया है. दोपहर में जब शाह ने बिल पर बयान दिया था उसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट पर कहा कि 'आज लोक सभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना. बिल का समर्थन करने के लिये उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर उधर की फालतू बातें कर रहे थे. वो भी जानते हैं वो गलत कर रहे हैं. ये बिल दिल्ली के लोगों को ग़ुलाम बनाने वाला बिल है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है. INDIA ऐसा कभी नहीं होने देगा.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2013 में किए पूर्ण राज्य के वादे को याद दिलाकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. 2014 में मोदी जी ने खुद कहा कि प्रधानमंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया. आगे से मोदी जी की किसी बात पे विश्वास मत करना.'