ये 2020 का नौवां महीना है. साल खत्म होने में करीब साढ़े तीन महीने बचे हैं. इस बीच ज़्यादातर लोगों ने अलग अलग मौके पर दुआ मांगी होगी कि ये साल जल्दी ख़त्म हो. हर कोई चाहता है कि वो दिन जल्द आए जब बेरोकटोक और बेखौफ आज़ाद घूमा जा सके लेकिन ऐसा होगा कब ये किसी को नहीं पता. सब अनुमान और उम्मीदों के सहारे आगे बढ़ रहे हैं. अगर आप ही से पूछा जाए कि अपने ज़िंदगी में गुज़रे किस साल को सबसे बुरे साल का नाम देंगे तो कितने ही लोग कहेंगे- ये भी कोई पूछने की बात है, लेकिन क्या वाकई 2020 को ह्यूमैनिटी या मैनकाइंड के लिए अब तक का सबसे बुरा साल कह सकते हैं? इससे पहले भी कई महामारियां आई हैं जिन्होंने करोड़ों जान लीं. मैन मेड डिजास्टर हुए हैं. जंग हुई हैं. तो कितना बुरा बीता है अब तक 2020? इससे पहले मानव सभ्यता ने क्या क्या झेला है.. हर पहलू पर बात कर रहे हैं निखिल रामपाल.
इस साल की शुरूआत में ही दिल्ली ने दंगे भी देखे. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन्हीं दंगों पर कड़कड़डूमा कोर्ट में साढ़े 17 हज़ार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. ताहिर हुसैन समेत इसमें पंद्रह लोगों को आरोपी बनाया गया है. साथ ही पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कुल 747 लोगों को गवाह बनाया गया है. आरोप पत्र में उमर खालिद और शरजील इमाम का नाम शामिल नहीं है लेकिन जिन लोगों को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है उनका नाम बाद में जोड़ा जा सकता है. अब साढ़े 17 हज़ार पन्ने सुनने में ही काफी भारी भरकम नंबर लगता है इसलिए हमने फोन मिलाया आजतक रेडियो रिपोर्टर हिमांशु मिश्रा को और उनसे समझा कि वो कौन सी बातें इस चार्जशीट में हैं जो ध्यान खींचती हैं.
भारत-चीन सरहद पर तनाव है. ऐसे में मोदी सरकार ने सभी दलों की मीटिंग कल बुलाई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद समेत कई आला नेता इसमें मौजूद रहे. ध्यान देने वाली ये है कि बैठक रक्षा मंत्री की ओर से इसी मसले पर लोकसभा में बयान देने के बाद हुई है. क्या रहा इस मीटिंग का आउटकम ये बता रहे हैं आजतक रेडियो रिपोर्टर हिमांशु.
और ये भी जानिए कि 17 सितंबर की तारीख इतिहास के लिहाज़ से अहम क्यों है.. क्या घटनाएं इस दिन घटी थीं. अख़बारों का हाल भी पांच मिनटों में सुनिए और खुद को अप टू डेट कीजिए. इतना कुछ महज़ आधे घंटे के न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.