दिल्ली हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन तीनों आरोपियों को नोटिस जारी किया है, जिन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिली. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन नताशा नरवाल, देवांगना और आसिफ को 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है. अगली सुनवाई 19 जुलाई के बाद होगी.
दिल्ली पुलिस ने नताशा नरवाल, देवांगना और आसिफ के जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. आज की बहस में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इन तीनों के जमानत को ही आधार बना कर दूसरे आरोपी भी बेल की मांग कर सकते हैं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में हाई कोर्ट ने UAPA के प्रावधानों को लेकर जो टिप्पणी की है, इसका असर पूरे देश में होने वाला है इसलिए हम पहले इस पर नोटिस जारी करेंगे. वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपियों के खिलाफ आरोपों को गम्भीर बताया और कहा कि दिल्ली दंगा में 53 लोग मारे गए थे.
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली दंगे के दौरान 700 से अधिक लोग घायल हुए थे, आरोपियों पर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है, जिस दंगे में इतने लोग मारे गए हैं, उस मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है, इसलिए हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगाया जाना चाहिए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के इस फैसले को कोई भी दूसरा कोर्ट अपने फैसले का आधार नहीं बनाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों नताशा, देवांगना और आसिफ को मंगलवार को जमानत दी थी, लेकिन उनकी रिहाई के पहले ही दिल्ली पुलिस ने जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कई जगह कहा गया है कि पुलिस के वकील के अनुरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्टे देने से इनकार कर दिया. यह वास्तविक रूप से सही नहीं है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि चूंकि तीनों आरोपी पहले ही रिहा हो चुके थे, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से तीनों की फिर से गिरफ्तारी के लिए नहीं कहा गया था. दिल्ली पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट से मांग यूएपीए प्रावधानों की टिप्पणियों और कानूनी व्याख्या पर रोक को लेकर की गई थी.
नताशा, देवांगना और आसिफ की रिहाई का आदेश मंगलवार को जारी हुआ था, लेकिन दो दिन तक आरोपी जेल में ही बंद रहे. बाद में हाई कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए नीचली अदालत ने गुरुवार को रिहाई का आदेश तिहाड़ जेल भेजा. इसके बाद नताशा और देवांगना गुरुवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ पाईं.