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भारत-म्यांमार बॉर्डर पर बाड़ लगाने के विरोध में मणिपुर में प्रदर्शन, कई संगठनों ने बुलाई संयुक्त रैली  

मणिपुर में म्यांमार बॉर्डर पर सीमा का निर्माण करने के विरोध में बड़ा प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों ने FMR रद्द करने के विरोध में सड़कों पर नारेबाजी की.

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भारत-म्यांमार बॉर्डर पर बाड़ लगाने के विरोध में मणिपुर में प्रदर्शन. (फाइल फोटो)
भारत-म्यांमार बॉर्डर पर बाड़ लगाने के विरोध में मणिपुर में प्रदर्शन. (फाइल फोटो)

म्यांमार के साथ फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) को रद्द करने और पड़ोसी देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर बाड़ लगाने के केंद्र सरकार के फैसले विरोध में गुरुवार को मणिपुर में बड़ी रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में कुकी समुदाय के लोगों शामिल हुए, जिन्होंने FMR रद्द करने के विरोध में सड़कों पर नारेबाजी की.

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इस रैली का आयोजन यूनिफिकेशन ऑर्गनाइजेशन (ZORO), नागालैंड इंडिजिनस पीपुल्स फोरम (NIPF), कुकी इंपी टेंग्रौपाल डिस्ट्रिक्ट (KIT) और टेंग्नौपाल में कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) के बैनर तले किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने सेंट पीटर सर्च से  तेग्नौपाल के डीएम कार्यालय तक मार्च किया. रैली के बाद टेंग्नौपाल समुदायिक हॉल में एक सार्वजनिक बैठक हुई, जिसमें कई समाज संगठनों के नेता, आदिवासी नेता और छात्र संगठन शामिल हुए.

गृह मंत्री ने की थी बाड़ लगाने की घोषणा

इससे पहले फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-म्यांमार सीमा की पूरी 1643 किलोमीटर की दूरी पर बाड़ लगाने की योजना की घोषणा की थी. जो एफएमआर लोगों को इंटरनेशनल सीमा पर दोनों ओर 16 किलोमीटर तक अंदर आने की अनुमति देता है.

सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से की गई घोषणा में सीमाओं के निर्माण और इस रणनीतिक सीमा पर निगरानी में सुधार के लिए भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है. अपनी घोषणा में गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल के हिस्से के रूप में मणिपुर के मोरेह में 10 किलोमीटर की दूरी पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है.

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उन्होंने कहा कि पूरी सीमा पर बाड़ लगाने का निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने और अनधिकृत सीमा पार गतिविधियों को नियंत्रित करने के सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है. गृह मंत्री ने यह भी कहा कि सीमा पर निगरानी को बढ़ाने के लिए सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी स्थापित किया जाएगा. एफएमआर जिसे 2018 में भारत की एक्ट ईस्ट नीति के एक हिस्से के रूप में पेश किया गया था. मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में चालू हो गया है.

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