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सावधान! बारिश और बाढ़ के बीच दिल्ली समेत इन शहरों में डेंगू और चिकनगुनिया की दस्तक, बरतें ये सावधानियां

मानसून के इस सीजन में बारिश के साथ-साथ बीमारियों का भी आगमन हो रहा है. दिल्ली एनसीआर सहित कई शहरों में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों के बढ़ने की संभावना बढ़ गई है. कई जगहों पर मामले आने भी शुरू हो गए हैं.

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बारिश और बाढ़ के बीच बढ़ा डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा
बारिश और बाढ़ के बीच बढ़ा डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा

मॉनसूनी बारिश और बाढ़ के बाद दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई शहरों में बीमारियां भी फैलने लगी हैं. डेंगू के चिकनगुनिया के मामलों में हो रही बढ़ोत्तरी के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती होने वाले डेंगू रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कुछ अस्पताल प्रतिदिन तीन-चार मामले दर्ज कर रही हैं, जिससे संकेत मिलता है कि मामलों में तेजी आ रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाढ़ का पानी कम होने पर संख्या बढ़ सकती है.

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दिल्ली सरकार का आदेश
 इस बीच, वेक्टर जनित बीमारियों की बढ़ती घटनाओं के बीच, दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने शहर के सभी कैमिकल एसोसिएशनों से डॉक्टर की सलाह के बिना एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी दवाएं नहीं बेचने को कहा है. विभाग ने केमिस्ट दुकान मालिकों को दर्द निवारक दवाओं का रिकॉर्ड रखने की भी सलाह दी.

विभाग ने 19 जुलाई को जारी एडवाइजरी में कहा कि बरसात के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां बढ़ रही हैं. इस बात की संभावना है कि मानसून से पहले और बाद में मामलों की संख्या बढ़ सकती है इसलिए सीज़न की बहुत सख्ती से निगरानी की जानी चाहिए. ये दवाएं, आमतौर पर दर्द और सूजन को प्रबंधित करने के लिए उपयोग की जाती हैं, लेकिन इनकी वजह से ह्यूमन ब्लड में प्लेटलेट कम हो जाते हैं. इन दवाओं का नियंत्रित उपयोग जरूरी है क्योंकि डेंगू और चिकनगुनिया के कारण बुखार के साथ-साथ शरीर में भी काफी दर्द होता है. 

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गुरुग्राम प्रशासन भी अलर्ट पर 
इस बीच गुरुग्राम प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है. डेंगू और चिकनगुनिया बीमारियों के मद्देनजर प्रशासन ने जिले में सभी प्राइवेट अस्पतालों और लैब में डेंगू व चिकनगुनिया की जांच की दर निर्धारित कर दी है जो 600 रुपये  है. इसके अलावा चिकनगुनिया के आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी रेट तय किए गए हैं. प्रशासन ने बीमारियों से बचाव के लिए लोगों से सावधानी बरतने को कहा है.

पंजाब में भी बढ़ रहे हैं मामले
 पंजाब में लगातार बढ़ रहे पानी की वजह से पूरे पंजाब में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है इसे लेकर राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और सभी मंत्री ग्राउंड जीरो पर आकर लोगों की समस्याओं को देख रहे हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं इसी के चलते आज कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह द्वारा पठानकोट का दौरा किया गया जहां उनके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ के बाद होने वाली बीमारियों को लेकर मंथन किया गया. पानी गंदा आ रहा है उसे लेकर प्रशासनिक अधिकारी को हदायत दी गई है कि वहां पर क्लोरीन की गोलियां दी जाए या फिर वहां पर साफ पानी के टैंकर भेज कर लोगों को साफ पानी मुहैया करवाया जाए. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों को डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाया जा सके.

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डेंगू से बचाव

जितना हो सके मॉस्किटो रेपलेंट्स, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. घर के दरवाजे और खिड़कियों को शाम होने से पहले बदं कर दें. शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े पहनें. सुनिश्चित करें कि आसपास पानी इकट्ठा ना हो. कूलर का पानी बदलते रहें. पानी को ढक कर रखें. बाहरी पक्षी या पालतू जानवरों के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें.

डेंगू का इलाज

डेंगू के लिए कोई खास दवा या सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है. इसमें कुछ घरेलू नुस्खे बड़े कारगर हो सकते हैं. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. अत्यधिक गंभीर मामलों में मरीज को इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट देने चाहिए. कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और और ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के जरिए भी इलाज किया जाता है. आप खुद से एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाओं का सेवन भूलकर भी ना करें.  

क्या हैं बचाव और उपचार के तरीके

चिकनगुनिया वायरस जनित बीमारी है और ये इंफेक्टेड Aedes मच्छरों के काटने से फैलता है. ऐसे में सबसे जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचकर रहें. अपने आस-पास सफाई रखें. पूरे कपड़े पहनें और सतर्क रहें. होम्योपैथ में eupatperf 200 नाम की एक दवा है. ये दवा चिकनगुनिया होने की आशंका को कम करती है.

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घर पर उपचार से भी मिलेगा फायदा

आमतौर पर लोगों को लगता है कि चिकनगुनिया हो जाने पर अस्पताल जाना ही एकमात्र उपाय है. लेकिन ऐसा नहीं है. डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है लेकिन घर पर रहते हुए भी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. जरूरत है तो सिर्फ थोड़ी सावधानी और जानकारी की.

क्या करना चाहिए...
1. चिकनगुनिया की कोई स्पेसिफिक मेडिसीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में डॉक्टर की दी हुई दवा ही लें. खुद से इलाज करने से बचें और कोई भी दवा  न खाएं. इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है.

2. घर पर रहें और जितना ज्यादा हो सके आराम करें. इस दौरान आराम करना सबसे ज्यादा जरूरी है.

3. चिकनगुनिया में अक्सर लोगों को डी-हाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लें. लिक्विड डाइट लेना भी फायदेमंद रहेगा.

 

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