राजस्थान सरकार ने उत्तराखंड बाढ़ त्रासदी झेलने वाले राज्य के लोगों के हित में 10 साल बाद बड़ा फैसला लिया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि 2013 में उत्तराखंड बाढ़ त्रासदी में राज्य के मरने वाले और लापता लोगों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक पत्र जारी कर फैसले के बारे में जानकारी दी.
पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ त्रासदी में जान गंवाने वाले और स्थाई रूप से लापता हुए राजस्थान के मूल निवासियों के आश्रितों को अनुकंपा नौकरी देने का निर्णय लिया है. राजस्थान सरकार के मुताबिक उसके निर्णय से आश्रितों को संबल और वित्तीय सुरक्षा मिल पाएगी.
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से मृतक श्रद्धालुओं के आश्रितों को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर पे-मेट्रिक्स लेवल-1 से लेवल-9 तक की राजस्थान अधीनस्थ सेवाओं, मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी सेवाओं के अंतर्गत आने वाले सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जा सकेगी. इस निर्णय से मृतक श्रद्धालुओं के आश्रितों को संबल और वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी.
राजस्थान सरकार ने राज्य के उन निवासियों के आश्रितों के लिए नौकरी की घोषणा की जो 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद से लापता हैं
आगामी भर्तियों में दो साल की छूट की घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट भी किया. इसमें उन्होंने कहा कि 2013 की केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले और स्थायी रूप से लापता हुए राजस्थान के निवासियों के परिजन को संबल देने के लिए 2013 में अनुकंपा नियुक्ति देने की घोषणा की थी और कुछ लोगों को नियुक्ति दे दी गई थी. परंतु सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. मैं घोषणा करता हूं कि केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों के एलिजिबल परिजन को पुनः अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी.
गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना के कारण दो वर्षों तक नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो सकीं, इसलिए आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयुसीमा में दो वर्षों की छूट दी जाएगी.
गहलोत शनिवार को बूंदी जिले के हिंडौली पहुंचे. यहां उन्होंने हिंडोली-नैनवा विधानसभा क्षेत्र में 954 करोड़ रुपये की लागत वाली चंबल पेयजल परियोजना, कॉलेजों और सड़कों के निर्माण समेत कई विकास कार्यों की आधारशिला रखी. गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार का अगला बजट राज्य के युवाओं और छात्रों को समर्पित होगा.
इस महीने की शुरुआत में गहलोत ने कहा था कि राज्य सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में अब तक लगभग 1.25 लाख लोगों को नौकरी दी है, जबकि लगभग एक लाख नौकरियों की प्रक्रिया चल रही है. 2022-23 के बजट में और एक लाख नौकरियों की घोषणा की गई. उन्होंने कहा था कि लोगों को समय पर नौकरी मिले इसके लिए भर्ती परीक्षाएं कराई जाएंगी.
गहलोत ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) घोषित करनी चाहिए, जिससे राज्य के 13 जिलों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बार-बार मांग पर केंद्र ने राज्य सरकार को इस परियोजना पर काम रोकने के लिए पत्र भेजा.