नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. ये कार्रवाई वैध टिकट होने के बावजूद यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने पर की गई है. इसके साथ ही सक्षम प्राधिकारी ने एयरलाइन को सलाह दी कि वह इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत एक सिस्टम लगाएं. इतना ही नहीं, चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो डीजीसीए की ओर से आगे भी कार्रवाई की जाएगी.
वैध टिकट होने और समय पर एयरपोर्ट पहुंचने के बावजूद कई एयरलाइंस की ओर से यात्रियों को बोर्डिंग की अनुमति नहीं देने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद DGCA ने मंगलवार को एयर इंडिया के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की है.
DGCA ने बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली में जांच करने के बाद कहा कि दिशा-निर्देशों के बावजूद कुछ एयरलाइंस उनका पालन नहीं कर रही थीं.
जांच में सामने आया कि एयर इंडिया की ओर से विनियमन का पालन नहीं किया जा रहा था. साथ ही एयरलाइन को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. DGCA की ओर से कहा गया कि ऐसा लगता है कि एयरलाइन की विनियमन के संबंध में कोई नीति नहीं है. वह असहाय यात्रियों को कोई मुआवजा नहीं दे रही है,
वैध टिकट होने के बावजूद किसी यात्री को बोर्डिंग से इनकार करने के मामले में दिशा निर्देश देते हुए डीजीसीए ने कहा कि अगर कोई एयरलाइन 1 घंटे के अंदर यात्री के लिए वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करने में सक्षम है, तो कोई भी मुआवजा नहीं दिया जाएगा. हालांकि, एयरलाइन 24 घंटे में वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने में सक्षम है, तो 10,000 रुपये तक का मुआवजा निर्धारित है, जबकि 24 घंटे से अधिक समय होने पर 20 हजार रुपये तक का मुआवजा निर्धारित है.