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ISKCON India ने कहा- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक मारे जा रहे हैं...अफसोस कि संयुक्त राष्ट्र चुप है

इस्कॉन इंडिया (ISKCON India) के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र हजारों असहाय बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की पीड़ा के प्रति मौन है. उन्होंने ये भी लिखा कि TheKashmirFiles ने हिन्दुओं को जगाया है, फिर से मत सोना.

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होली की पूर्व संध्या पर ढाका में इस्कॉन टेंपल पर हमला किया गया.
होली की पूर्व संध्या पर ढाका में इस्कॉन टेंपल पर हमला किया गया.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने विदेश मंत्रालय से की अपील
  • कहा- भारत को बांग्लादेश के साथ इस मुद्दे को मजबूती से उठाने की जरूरत

इस्कॉन इंडिया (ISKCON India) के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने होली की पूर्व संध्या पर बांग्लादेश के ढाका में इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. दास ने ट्विटर पर लिखा कि डोल यात्रा और होली समारोह की पूर्व संध्या पर यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. 

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उन्होंने लिखा, "हमें आश्चर्य है कि संयुक्त राष्ट्र हजारों असहाय बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की पीड़ा के लिए मूक है. इतने सारे हिंदू अल्पसंख्यकों ने अपनी जान, संपत्ति खो दी है, लेकिन अफसोस है कि संयुक्त राष्ट्र चुप है. 

उन्होंने लिखा कि कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र ने इस्लामोफोबिया से निपटने के लिए 15 मार्च को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया. हमें आश्चर्य है कि वही संयुक्त राष्ट्र हजारों असहाय बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की पीड़ा के प्रति मौन है. उन्होंने ये भी लिखा कि TheKashmirFiles ने हिन्दुओं को जगाया है, फिर से मत सोना.

उधर, राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भारतीय विदेश मंत्रालय से इस मुद्दे को बांग्लादेश के साथ मजबूती के साथ उठाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि  बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक और पूजा स्थलों के प्रति यह बढ़ती असहिष्णुता शर्मनाक है. 

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बता दें कि गुरुवार को ढाका के वारी में 222 लाल मोहन साहा स्ट्रीट पर इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर 200 से अधिक लोगों ने हमला किया, तोड़फोड़ की और लूटपाट की. रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में सुमंत्र चंद्र श्रवण, निहार हलदर, राजीव भद्र समेत कई लोग घायल हो गए. कथित तौर पर भीड़ का नेतृत्व हाजी शफीउल्लाह ने किया था.

 

 

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