झारखंड कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी के परिसर से 350 करोड़ रुपये नकद और 3 किलोग्राम सोना बरामद करने के बाद, आयकर विभाग और अधिक मूल्यवान चीजें बरामद करने के लिए हाई टेक्निक वाले उपकरणों का उपयोग कर रहा है. एक अधिकारी ने कहा, ऐसी वस्तुएं जो जमीन के नीचे छिपाई जा सकती हैं. आईटी विभाग की टीमें झारखंड के रांची और लोहरदगा में साहू के घरों में जियो सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल कर रही थीं.
साहू से नहीं हो सका संपर्क
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "उन्हें बहुत सारी नकदी मिली. डिपार्टमेंट में हाई टेक्निक का प्रयोग किया जाता है और इस खोज में भी नई उपलब्ध टेक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा. भू-निगरानी प्रणाली का उपयोग करके जमीन के नीचे छिपे सोने के आभूषण और अन्य कीमती सामान का पता लगाया जा सकता है. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ओडिशा और झारखंड पंजीकरण संख्या वाले वाहनों पर कई आईटी टीमें राज्यसभा सांसद से जुड़े रांची और लोहरदगा परिसरों में तलाशी में लगी हुई हैं. साहू से संपर्क करने की कोशिशें सफल नहीं हुईं, जबकि उनके दिल्ली कार्यालय के कर्मचारियों ने कहा कि वह पिछले तीन दिनों से उनके संपर्क में नहीं हैं.
350 करोड़ 3 किलो सोना जब्त
साहू के परिवार के स्वामित्व वाली ओडिशा स्थित डिस्टिलरी कंपनी पर आयकर विभाग की हालिया तलाशी में 350 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 3 किलोग्राम सोना जब्त किया गया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह राशि देश में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई एक ही कार्रवाई में "अब तक की सबसे अधिक" राशि है. ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 30 से अधिक परिसरों की तलाशी ली गई.
अब तक पकड़ा गया सबसे बड़ा काला धन
दरअसल, आयकर विभाग (IT Department) की टीम ने 6 दिसंबर को धीरज साहू से जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था. पांच दिन तक उनके घर पर तलाशी अभियान चला और बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ. साहू के ठिकानों से 351 करोड़ रुपये का कैश बरामद हुआ है. आयकर विभाग ने कुल 176 बैग में से 140 बैग की गिनती पूरी कर ली. आयकर विभाग का कहना है कि यह अब तक का पकड़ा गया सबसे बड़ा काला धन है.