असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. असल में सेंट्रल जेल में बड़ी लापरवाही की बात सामने आई थी. इस जेल में ही कट्टरपंथी संगठन 'वारिस पंजाब डे' से जुड़े सदस्य रखे गए हैं और उनके पास से स्मार्टफोन सहित इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मिले थे. पुलिस ने जांच के बाद इन गैजेट्स को जब्त कर लिया है और जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की है. बता दें कि असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह भी बंद है.
जेल अधीक्षक पर लापरवाही को लेकर कार्रवाई
एक अधिकारी ने बताया कि जेल अधिकारी को इस लापरवाही और ढिलाई के लिए शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया और फिलहाल वह डिब्रूगढ़ सदर पुलिस स्टेशन में हैं. उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी पिछले महीने जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत बंद किए गए कैदियों के सेल में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पाए जाने और उन्हें जब्त किए जाने को लेकर की गई है.
सेल से मिले थे कई गैजेट्स
खालिस्तानी समर्थक कैदियों के कब्जे से जब्त किए गए गैजेट्स में एक सिम कार्ड के साथ एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट, एक स्पाई-कैमरा पेन, पेन-ड्राइव, एक ब्लूटूथ हेडफोन और शामिल थे. पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया था, "डिब्रूगढ़ जेल, असम में एनएसए बंदियों को रखा गया है. इस सेल में होने वाली ऐसी अवैध गतिविधियों की जानकारी मिलने पर, एनएसए ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे."
NSA के तहत हुई थी गिरफ्तारी
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ऐसी घटनाएं फिर से न हों, इसके लिए कानूनी कार्रवाई और कदम उठाए जा रहे हैं. खालिस्तानी समर्थक संगठन के दस सदस्य, जिनमें इसका प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनका एक चाचा भी शामिल हैं, पिछले साल 19 मार्च से डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं. उन्हें संगठन पर कार्रवाई के बाद पंजाब के विभिन्न हिस्सों से एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था.
पंजाब से कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों को असम लाए जाने के बाद जेल में मल्टीलेवल सिक्युरिटी सिस्टम लगाया गया था. अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और सभी ख़राब कैमरे या तो बदल दिए गए या उन्हें रिपेयर कर दिया गया था. डिब्रूगढ़ जेल पूर्वोत्तर की सबसे पुरानी और सबसे हाई सिक्यूरिटी वाली जेलों में से एक है. इसका निर्माण 1859-60 में हुआ था.