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क्या ब्रिज की खराब डिजाइन की वजह से हुआ साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट, उठ रहे सवाल?

टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की रविवार को मुंबई के पास एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी. साइरस मिस्त्री कार से अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे. साइरस मिस्त्री गुजरात के उदवाड़ा से लौट रहे थे. साइरस मिस्त्री की कार अहमदाबाद मुंबई हाईवे पर डिवाइडर में टकरा गई थी . इस हादसे में मिस्त्री और जहांगीर दिनशा पंडोले की मौत हो गई.

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साइरस मिस्त्री का रविवार को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था.
साइरस मिस्त्री का रविवार को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था.

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को मुंबई अहमदाबाद हाईवे पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इस हादसे की 7 सदस्यीय फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है. टीम ने शुरुआती जांच में बताया है कि ब्रिज की खराब डिजाइन की वजह से साइरस मिस्त्री की कार का एक्सीडेंट हुआ. वहीं, मिस्त्री समेत पीछे की सीट पर बैठे 2 लोगों का सीट बेल्ट न पहनना उनकी मौत की वजह बना. 

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साइरस मिस्त्री की कार के एक्सीडेंट के मामले में जांच कर रही सेवलाइफ फाउंडेशन के सीईओ पीयूष तिवारी ने कहा, यह हादसा याद दिलाता है कि कैसे तेज रफ्तार सड़क के खराब बुनियादी ढांचे और सीटबेल्ट जैसे सुरक्षा उपकरणों के प्रति लापरवाह रवैया किसी की जान ले सकता है. 

सेवलाइफ फाउंडेशन को अलग अलग एजेंसियों की ओर से मिली दुर्घटनाओं की फॉरेंसिक जांच के दौरान पता चला है कि सीटबेल्ट का उपयोग न करने खासकर विशेष रूप से पिछली सीट पर, 35% मौतों की वजह बनता है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर केसों में एक्सीडेंट के बाद पीड़ित बुरी तरह से कार के आंतरिक भागों में या पास बैठे पैसेंजर से टकरा जाता है. कई केसों में यात्री वाहन से बाहर निकलकर गिर जाते हैं. सीट बेल्ट पहनने पर इन्हें रोका जा सकता है. 
 
पीयूष तिवारी ने बताया गया कि दुर्घटना की जांच के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया जाता है. इसमें बुनियादी ढांचे, वाहन संबंधी दिक्कतें और ह्यूमन फैक्टर शामिल हैं. सेवलाइफ फाउंडेशन महाराष्ट्र पुलिस के साथ हादसे की जांच कर रहा है. टीम ने क्रैश साइट का दौरा भी किया. पीयूष तिवारी ने बताया कि टीम दुर्घटना स्थल से सबूत इकट्ठा करती है. टीम दुर्घटना के मूल कारण का पता करती है. जांच सबूतों पर निर्भर होती है. 

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फॉरेंसिक जांच के क्या हैं पहलू?  

1- दुर्घटना स्थल की जांच: दुर्घटना स्थल से सबूत इकट्ठा किए जाएंगे. इसमें सड़क निर्माण जैसे मुद्दों को भी देखा जाएगा, जो दुर्घटना या परिणामी चोट की वजह बन सकते हैं. 

2- वाहन की जांच: वाहन को हुए नुकसान, दुर्घटना के दौरान रफ्तार में गिरावट साथ में ब्रेक फेल, स्टीयरिंग लॉक जैसे पहलुओं की भी जांच की जाती है. 

3- इंजरी कोडिंग और एनालिसिस किया जाएगा. 

4 (a) स्पीड, ड्रंक एंड ड्राइव, ओवरटेकिंग जैसे ह्यूमन एरर, सड़क निर्माण से जुड़े एरर, ओवर लोडिंग, ब्रेक में समस्या जैसे कार से जुड़े एरर की जांच की जाएगी. 

(B)- सीट बेल्ट न पहनने जैसी वजहों की जांच की जाएगी, जो इंजरी की वजह हैं. 

5- दुर्घटना के सभी कारणों को रिकॉर्ड किया जाएगा और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें दी जाएंगी.

 
 

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