लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान सोमवार को बर्धमान-दुर्गापुर में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार दिलीप घोष एक मतदान केंद्र पर गड़बड़ी की शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे थे.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के कर्मियों ने दिलीप घोष के काफिले पर पथराव किया. उनके साथ धक्का-मुक्की भी कई गई. इसके बाद उनकी सिक्योरिटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया. इस घटना में चार लोग घायल हो गए.
क्या है पूरा मामला?
बर्धमान-दुर्गापुर के एक मतदान केंद्र पर बीजेपी के बूथ एजेंट को पीटने का आरोप था. इसकी सूचना मिलने पर दिलीप घोष मौके पर पहुंचे थे. उनके वहां पहुंचते ही तृणमूल कार्यकर्ताओं ने घोष की कार का घेराव कर प्रदर्शन करने लगे. इस दौरान 'गो बैक' और 'जय बांग्ला' के नारे लगाए गए. दिलीप घोष ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया.
टीएमसी कार्यकर्ताओं का क्या है आरोप?
टीएमसी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का कहना है कि दिलीप घोष ने लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया. जब घोष का विरोध किया गया तो उनके साथ मौजूद सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया. इस घटना में कई लोग घायल हो गए.
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी कीर्ति आजाद मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की. कीर्ति आजाद ने कहा कि दिलीप घोष खुद को गुंडा समझते हैं. मोदी झूठ के राजा हैं और दिलीप घोष अशिष्टता के राजा हैं. घोष इंसान नहीं बल्कि शैतान हैं. वो चुनाव के दिन 25-30 गाड़ियां साथ में लेकर घूम रहे हैं. उन्हें जेल जाना चाहिए, वह समाज के लिए खतरा हैं.