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'कोयला खदान अवैध नहीं, 12 साल पहले हुआ था बंद...', असम CM

असम के दीमा हसाओ जिले में बाढ़ग्रस्त कोयला खदान से शनिवार को गोताखोरों ने तीन मजदूरों के शव निकाले. इस शव के बरामद होने के साथ ही बाढ़ग्रस्त खदान में फंसे कुल नौ मजदूरों में से चार के शव बरामद हो गए.

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शव ले जाते राहत और बचाव दल के सदस्य
शव ले जाते राहत और बचाव दल के सदस्य

असम के दीमा हसाओ जिले में बाढ़ग्रस्त कोयला खदान से शनिवार को गोताखोरों ने तीन मजदूरों के शव निकाले. इस शव के बरामद होने के साथ ही बाढ़ग्रस्त खदान में फंसे कुल नौ मजदूरों में से चार के शव बरामद हो गए. पहला शव बुधवार को गुवाहाटी से करीब 250 किलोमीटर दूर उमरंगशु में खदान से बरामद किया गया. इस बीच असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि यह अवैध खदान नहीं थी, बल्कि बंद कर दी गई थी. उस दिन मजदूर पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में घुसे थे और हादसा हो गया.

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सीएम ने कहा, 'यह अवैध खदान नहीं थी, बल्कि बंद कर दी गई थी. उस दिन मजदूर पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में घुसे थे.' उन्होंने कहा कि मजदूरों के नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बचाव की कोशिश जारी
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में शवों की बरामदगी के बारे में कहा, 'उमरंगसू में बचाव की कोशिश जारी है. हम शोक संतप्त लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं, क्योंकि हम इस कठिन समय में आशा और शक्ति को बनाए रखना चाहते हैं.' 

घटना में दीमा हसाओ स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य देबोलाल गोरलोसा के परिवार के सदस्य की कथित संलिप्तता पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह एक मानवीय त्रासदी है और हमें इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.' सोमवार को उमरंगसू जिले में कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से कुल नौ मजदूर फंस गए थे.

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26 मीटर से घटकर 12 मीटर रह गया जलस्तर
अधिकारी ने कहा कि दिन भर पांच पंपों की मदद से खदान से पानी निकालने का काम जारी रहा. उन्होंने कहा कि खदान का जलस्तर शुक्रवार को 26 मीटर से घटकर 12 मीटर रह गया है. अधिकारी ने कहा कि फिलहाल अंडरवाटर रिमोट ऑपरेटिंग व्हीकल (आरओवी) की मदद से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. शुक्रवार रात मुख्यमंत्री ने कहा कि खदान 12 साल पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी.

मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'बचाव अभियान आज सुबह फिर से शुरू हुआ और घटना के छह दिन बाद तीन शव बरामद किए गए.' तीनों की पहचान दीमा हसाओ जिले के लिगेन मगर (27), कोकराझार जिले के खुशी मोहन राय (57) और सोनितपुर जिले के सरत गोयरी (37) के रूप में हुई है. नेपाल के रहने वाले एक मजदूर का शव 8 जनवरी को मिला था. 

अधिकारी ने कहा कि दो दिनों तक पानी निकालने के बाद शव खदान में जमा पानी में तैरते हुए पाए गए. सेना, नौसेना और एनडीआरएफ के गोताखोरों ने उन्हें बाहर निकाला. 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पीएम को लिखा पत्र
इस बीच, असम कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खनन त्रासदी की एसआईटी जांच की मांग की है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य में 'कमजोर कानून प्रवर्तन और स्थानीय मिलीभगत' के कारण 'अवैध खनन अनियंत्रित रूप से जारी है.'

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गोगोई ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि प्रस्तावित एसआईटी को न केवल खदान के 'अवैध' संचालन की जांच करनी चाहिए और इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करनी चाहिए, बल्कि व्यापक मुद्दों को भी बताना चाहिए.

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