उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद दिनेशलाल यादव निरहुआ ने शून्यकाल के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास का मुद्दा उठाया. दिनेशलाल यादव निरहुआ ने खुद को पिलर पीड़ित बताते हुए अपनी बात शुरू की. उन्होंने कहा कि मेरी सीट उस पिलर के बाद है. पिलर पीड़ित होने के कारण अपनी समस्याओं पर आपका ध्यान आकृष्ट नहीं करा पाता हूं.
निरहुआ ने कहा कि मेरी ही तरह मेरा निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ भी पिलर पीड़ित ही रहा है. उन्होंने समाजवादी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि आजमगढ़ की जनता ने उस पिलर को ढाह दिया है जिससे कि सरकार का ध्यान उसके विकास की तरफ जाए. निरहुआ ने सरकार से आजमगढ़ का विकास भी पर्यटन की दृष्टि से विकास की मांग की.
उन्होंने आजमगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की चर्चा की. निरहुआ ने कहा कि जिस तरह से वाराणसी में बाबा विश्वनाथ और गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ हैं, उसी तरह हमारे संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भैरवनाथ हैं. उन्होंने भैरवनाथ धाम का विकास भी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर कराए जाने की मांग की और कहा कि आजमगढ़ में कई ऋषियों के आश्रम भी हैं जो अब नदी की कटान के कारण अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.
दिनेशलाल यादव निरहुआ ने संसद में अपने संसदीय क्षेत्र का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की मांग की. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सलेमपुर संसदीय सीट से बीजेपी के ही सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र के आध्यात्मिक स्थलों के विकास का मुद्दा उठाया था. उन्होंने बलिया के भृगु आश्रम का भी विकास कराने की मांग की थी.
इससे पहले, हमीरपुर से बीजेपी सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाई. बता दें कि निरहुआ ने आजमगढ़ को लेकर सपा पर तंज किया. आजमगढ़ से 2014 में मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव सांसद निर्वाचित हुए थे.
अखिलेश यादव ने 2022 विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद आजमगढ़ संसदीय सीट के लिए उपचुनाव हुए. दिनेशलाल यादव निरहुआ आजमगढ़ सीट से उपचुनाव में सांसद निर्वाचित हुए थे.