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झारखंड के धर्मस्थल को लेकर जैन धर्म के लोगों में नाराजगी, सिर मुंडवाकर जताया विरोध

शिखरजी पर पर्यटन स्थल विकसित करने के नाम पर सरकारों की शह पर अवैध कारगुजारियों का आरोप लगाकर शिखरजी संघर्ष सेना द्वारा मस्तक मुंडन आंदोलन किया गया. झारखंड राज्य में स्थित सम्मेदशिखरजी यह पूरे विश्व के जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ स्थान है.

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सिर मुंडवाकर लोगों ने विरोध जताया
सिर मुंडवाकर लोगों ने विरोध जताया

जैन तीर्थ भूमि मोक्ष भूमि सम्मेद शिखर पर्वत की मर्यादा को बचाने के लिए महाराष्ट्र की सिंहस्थ नगरी नाशिक में युवाओं ने सिर मुंडा कर केंद्र और झारखंड सरकार की उदासीनता का विरोध किया. सम्मेद शिखर जी को विकास के नाम पर माफियाओं से बचाने के लिए चल रहे आंदोलन में कहीं लोग अनिश्चित कालीन अनशन कर रहे हैं तो कहीं अन्न त्याग. कहीं जुलूस और कहीं धरना रैली. साल के पहले दिन पहली जनवरी को दिल्ली में दोपहर एक बजे लोग अपना विरोध दर्ज कराने इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की ओर कूच करेंगे.

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शिखरजी पर पर्यटन स्थल विकसित करने के नाम पर सरकारों की शह पर अवैध कारगुजारियों का आरोप लगाकर शिखरजी संघर्ष सेना द्वारा मस्तक मुंडन आंदोलन किया गया. झारखंड राज्य में स्थित सम्मेदशिखरजी यह पूरे विश्व के जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ स्थान है. यहां से 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष को गये है. ऐसे परम पावन तीर्थ को झारखंड सरकार एवं केंद्र सरकार ने इको सेंसेटीव्ह झोन एवं  पर्यटन स्थल की सूची में नामांकित किया है. जिससे आगामी समय में यहां पर रिसोर्ट खुलेंगे, मत्स्यपालन, कुक्कुटपालन का व्यवसाय बढ़ेगा. सैर सपाटे के लिए  सैलानी आयेंगे. उससे यहां की पवित्रता और आध्यात्मिक वातावरण भंग हो जायेगा.

अतैव यह निर्णय तुंरत रद्द किया जाये. इस हेतु दिल्ली में विश्व जैन संघटन द्वारा अनिश्चितकालीन अनशन शुरु किया गया है. इसे आज 31 दिसंबर को 6 दिन हो गये हैं. देश भर के सभी शहरों में मोर्चे निकाले गये हैं. इसी कडी में इस अन्यायकारक निर्णय के खिलाफ निषेध के रुप में शिखरजी संघर्ष सेना द्वारा देशभर में मस्तक मुंडन आंदोलन किया जा रहा है. जिसमें विविध शहरों में 500 से ज्यादा युवक अपना सर मुंडवा कर इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं. आगे भी अनेक शहरों में यह आंदोलन चलेगा.

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