scorecardresearch
 

ओडिशा की पटनायक सरकार का 'दिवाली गिफ्ट', कॉन्ट्रैक्ट भर्ती खत्म, 57 हजार कर्मचारी होंगे परमानेंट

ओडिशा की सरकार ने संविदा नियुक्ति पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया है. सीएम नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार ने फिलहाल संविदा पर काम कर रहे 57 हजार कर्मचारियों को परमानेंट करने का फैसला लिया है. राज्य में आगे भी अब सभी भर्तियां स्थायी तौर पर ही की जाएंगी.

Advertisement
X
नवीन पटनायक (File Photo)
नवीन पटनायक (File Photo)

दिवाली से पहले ओडिशा की सरकार ने राज्य के युवाओं को बड़ी सौगात दी है. राज्य में कॉन्ट्रैक्ट भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. यानी अब आगे से ओडिशा में होने वाली सभी भर्तियां परमानेंट तौर पर की जाएंगी. इतना ही नहीं नवीन पटनायक सरकार ने अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे 57 हजार कर्मियों को परमानेंट करने का फैसला लिया है.

Advertisement

राज्य की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को कहा, '2013 में संविदा भर्ती प्रणाली शुरू की गई थी. यह मेरे लिए एक कठिन निर्णय था. लेकिन अब हमारी अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. ओडिशा ने देश में विकास के क्षेत्र में अपनी एक नई पहचान बनाई है.' 

सीएम नवीन पटनायक ने आगे कहा कि मुझे यह ऐलान करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मंत्रिमंडल ने भर्ती की संविदा प्रणाली को स्थायी तौर पर खत्म करने का फैसला लिया है. आज भी कई राज्यों में नियमित भर्तियां पर रोक लगी हुई है और वे अभी भी संविदा भर्ती प्रणाली को जारी रखे हुए हैं. लेकिन ओडिशा में संविदा भर्ती का युग समाप्त हो गया है. मैं इसी पल का इंतजार कर रहा था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले से 57 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. हालांकि, सरकार को इसके लिए हर साल 1300 करोड़ रुपये खर्च करना होगा. इस निर्णय ने 57 हजार परिवारों के घरों में त्योहार से पहले ही दिवाली की जगमगाहट ला दी है.

Advertisement

सीएम पटनायक ने आगे कहा कि आज ओडिशा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. हमारा राज्य मजबूत और सशक्त हो रहा है. यह ओडिशा के इतिहास का एक सुनहरा क्षण है. सीएम ने कहा,'मैं सभी सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने का सुझाव देना चाहूंगा. उन्हें लगन के साथ लोगों की सेवा करना चाहिए. पटनायक ने आगे कहा कि कर्मचारियों को 5-टी पर ध्यान देना चाहिए. ये पांच टी हैं. टीम वर्क, टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी, ट्रांसफॉर्मेशन और टाइम.

नवीन पटनायक ने कहा कि साल 2000 में उन्हें ओडिशा की सेवा का मौका मिला. सुपर साइक्लोन के बाद की स्थिति और नाजुक वित्तीय स्थिति उनके लिए सबसे बड़ी चुनौतियां थीं. राज्य ओवरड्राफ्ट पर चल रहा था. सरकार भारतीय रिजर्व बैंक पर निर्भर थी.

उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में ओडिशा की अर्थव्यवस्था के लिए एक काला काल था. सरकारी खजाने खाली थे. हमारी अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त दबाव था. हम स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, कृषि, सिंचाई और कई अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़ रहे थे. तब हमारी प्राथमिकता अपने सीमित संसाधनों में इन सभी क्षेत्रों में सुधार लाने की थी.

सीएम ने आगे कहा कि सरकारी भर्ती पूरी तरह से रोक दी गई थी. हमें सरकारी पदों को खत्म करने के लिए मजबूर किया गया और यह मेरे लिए बहुत दर्दनाक था. मेरे राज्य के युवा सरकार में रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे थे. मैं सचमुच बहुत दुखी था. मेरे दिमाग में एक ही बात थी. स्थिति कब सुधरेगी? हमारे बच्चों को राज्य सरकार में नियमित भर्ती कब मिलेगी?

Advertisement
Advertisement