कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है. इन आरोपों में कहा गया था कि डीके शिवकुमार ने राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने को लेकर संविधान में संशोधन करने की कसम खाई है.
शिवकुमार ने कहा कि अगर ऐसे दावे सच साबित हुए तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे. कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा ने इस मामले में उनके इस्तीफे की मांग करते हुए मंगलवार को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया .
आलाकमान को दी सफाई
शिवकुमार ने कहा, "बीजेपी इंटरव्यू में बताई गई सच्चाई और मेरे राजनीतिक रुख को पचा नहीं पा रही है. मैंने कहां कहा है कि मैं संविधान बदलने जा रहा हूं? अगर मैंने ऐसा कहा होता तो मैं इसे स्वीकार कर लेता. हम ही संविधान लेकर आए हैं और हम ही इसकी रक्षा कर रहे हैं. हमारे नेता समझदार हैं और उन्होंने इंटरव्यू देखा है."
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उन्होंने कहा, "यह भाजपा के नेता ही हैं जिन्होंने कहा था कि वे संविधान बदल देंगे. अगर मैंने कभी भी कहा हो कि मैं संविधान बदल दूंगा, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा." जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस आलाकमान ने स्पष्टीकरण मांगा है, तो उन्होंने कहा, "हां, उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा है. मैंने उनसे इंटरव्यू की विस्तार से समीक्षा करने को कहा है. वे इस बात से सहमत हैं कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है."
कांग्रेस पर हमलावर है बीजेपी
रविवार को एक मीडिया कार्यक्रम में शिवकुमार ने कथित तौर पर सुझाव दिया था कि एक "अच्छा दिन" आ सकता है जब मुसलमानों के लिए कोटा समायोजित करने के लिए संविधान में बदलाव किया जा सकता है. हालांकि, कांग्रेस नेता ने सोमवार को दावा किया कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया है और उन्होंने "कभी नहीं कहा कि हम संविधान बदल देंगे."
इस बीच, भाजपा ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि मुस्लिम कोटा पर उनकी टिप्पणी ने संविधान बदलने के पार्टी के "छिपे एजेंडे" को उजागर कर दिया है. सोमवार को भाजपा ने संसद में इस मुद्दे को उठाया. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया, "वोट के लिए संविधान बदलना कांग्रेस का छिपा हुआ एजेंडा है." उन्होंने शिवकुमार की टिप्पणी को "शुरुआत" बताया.
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कई अन्य भाजपा नेताओं ने भी इसी तरह की बातें की. शिवकुमार ने कर्नाटक और केंद्र में भाजपा नेताओं और मंत्रियों पर कांग्रेस और उन्हें बदनाम करने के लिए "बेशर्म और सरासर" झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया. कर्नाटक विधानसभा ने विपक्षी भाजपा के कड़े विरोध के बीच सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने संबंधी विधेयक 21 मार्च को पारित किया गया था.