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'हॉस्पिटल छोड़कर भागने का मन किया...', वायनाड में शवों की हालत देख ऐसा था सैंकड़ों पोस्टमार्टम कर चुके डॉक्टर का हाल

डॉक्टर ने कहा, शवों की स्थिति इतनी खराब थी कि अनुभवी डॉक्टरों के लिए भी इसे संभालना मुश्किल हो गया था. कई टुकड़ों में लाशें हमारे सामने पड़ी थीं. हमें डीएनए के लिए बिखरे अंगों को संभालना पड़ता है. ये करना बिलकुल भी आसान नहीं था.

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वायनाड हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी.
वायनाड हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी.

'लाशों से दो-चार होना मेरा हर दिन का काम है. मैं पोस्टमार्टम करने की आदी हूं. हर दिन लोगों के मृत शरीर को चीरकर जांच करती हूं. लेकिन ये मेरी जिंदगी का ऐसा मुश्किल वक्त था जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी. मैंने इतना वीभत्स नजारा कभी नहीं देखा. ये मुझे हमेशा परेशान करते रहेंगे.' ये दर्द है एक सरकारी डॉक्टर का जिनके पास केरल के वायनाड में आई कुदरत की विनाशलीला का शिकार लोगों के पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी थी.

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कहा- लाश को दो बार नहीं देख सकी...

एक स्थानीय अस्पताल में पोस्टमार्टम कर रही महिला डॉक्टर ने अपनी पहचान उजागर न करते हुए कहा कि वह ऐसे दृश्य देख रही हैं जो उन्हें हमेशा परेशान करते रहेंगे. एक शव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'शरीर इतनी बुरी तरह कुचला हुआ था कि मैं दो बार भी देखना बर्दाश्त नहीं कर सकी. यह ऐसा था जैसा मैंने पहले कभी नहीं देखा था. मुझे अपने क्षेत्र में कई सालों का अनुभव है लेकिन इस भूस्खलन के कारण हुई तबाही ने मुझे झकझोर दिया है.'

मुझे लगा मैं संभाल नहीं पाऊंगी

डॉक्टर ने पीटीआई से बातचीत में कहा, 'जब मैंने पहला शव देखा तो मैंने खुद से कहा कि मैं इसे संभाल नहीं पाऊंगी. वह बुरी तरह से कुचला हुआ था. दूसरा शव एक साल के बच्चे का था. उसे देखकर मैं और टूट गई. फिर धीरे-धीरे मानो शव की बाढ़ आ गई हो. मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था. मैं अस्पताल से भागना चाहती थी,  लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था.ये मैं कभी नहीं भूल सकती हूं.'

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अनुभवी डॉक्टरों के लिए भी इसे संभालना मुश्किल

डॉक्टर ने कहा, शवों की स्थिति इतनी खराब थी कि अनुभवी डॉक्टरों के लिए भी इसे संभालना मुश्किल हो गया था. कई टुकड़ों में लाशें हमारे सामने पड़ी थीं. जैसे किसी ने उनके कई टुकड़े किए हों. हमें डीएनए के लिए बिखरे अंगों को संभालना पड़ता है. ये करना बिलकुल भी आसान नहीं था.

यह भी पढ़ें: 13 फुटबॉल मैदान जितनी बड़ी जगह में मची तबाही.... वायनाड लैंडस्लाइड की सैटेलाइट तस्वीरों ने चौंकाया

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने डॉक्टर्स के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ने ऐसे दृश्य देखे हैं जो उन्हें जीवन भर परेशान करते रहेंगे.

वायनाड में आई है भीषण तबाही

बता दें कि वायनाड में मंगलवार तड़के कुदरत का ऐसा कहर बरपा कि सैकड़ों जिंदगियां मौत के मुंह में समा गईं. कई घायल हैं और ऐसे लोगों की भी संख्या काफी बड़ी है जो परिवार से अलग हो गए हैं.आंकड़ों में बात करें तो अब तक 256 लोगों की मौत हो चुकी है. लैंडस्लाइड इतना भयानक था कि 4 गांव मलबे में तब्दील हो गए हैं और अब वहां कुछ नहीं बचा है.    

इस भीषण आपदा को लेकर इसरो ने भी चिंता जताई है और अपनी एक स्टडी में कहा है कि वायनाड में जितने बड़े हिस्से पर लैंडस्लाइड का प्रभाव पड़ा है, वह भूखंड इतना बड़ा है कि इस एरिया में 13 से अधिक इंटरनेशन फुटबॉल ग्राउंड बनाए जा सकते थे.

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