डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है. 45 लाख की आबादी वाले इस समुदाय ने अब तक अमेरिका की इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, मेडिकल और एजुकेशन सेक्टर में अहम योगदान दिया है. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिकी संबंधों में मजबूती देखी गई, लेकिन यह देखना होगा कि उनका दूसरा कार्यकाल इस समुदाय के लिए किस तरह की चुनौतियां या अवसर पेश करेगा.
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए इमीग्रेशन पॉलिसी में संभावित बदलाव मुश्किलों का कारण बन सकता है, जो कि भारतीय मूल के लोगों के लिए अहम है. इंडियन-अमेरिकन प्रोफेशनल्स खासतौर से टेक इंडस्ट्री में H1-B वीजा पर काफी निर्भर हैं. ट्रंप के पहले कार्यकाल में इसे लेकर कई कड़े नियम लागू किए गए थे, जिससे इमीग्रेशन की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई थी.
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अब संभावना है कि इस वीजा नीति में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भी बड़े बदलाव की संभावना है, जिससे बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग प्रभावित हो सकते हैं. मसलन, ट्रंप का प्लान है कि स्थानीय लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता दी जाए.
भारतीय-अमेरिकी संगठनों की भूमिका अहम!
अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के लोग दोनों देशों के बीच कल्चरल और इकोनॉमिक मोर्चे पर एक ब्रिज का काम करते हैं, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में प्रभावित होने की संभावना है. मसलन, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जेनोफोबिया और हेट क्राइम के मामले काफी बढ़ गए थे, जब एशियन्स को टार्गेट किया जाता था. ऐसे में समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी पहचान को बेहतर बनाने के लिए भारतीय-अमेरिकी संगठनों की भूमिका अहम होगी.
भारत-अमेरिका संबंधों के लिए ट्रंप का दूसरा कार्यकाल कैसा होगा?
भारत-अमेरिका के संबंधों की अगर बात करें तो ट्रंप का दूसरा कार्यकाल एक अहम मौका हो सकता है. उनके पहले कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच सामरिक संबंध मजबूत हुए थे. हालांकि, कुछ व्यापारिक मुद्दों पर तनाव भी पैदा हुए थे. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारतीय-अमेरिकी व्यापारिक नेतृत्व का दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने में भी अहम योगदान हो सकता है.
रिपब्किलन को सपोर्ट करने लगे इंडियन-अमेरिकन
भारतीय-अमेरिकियों के बीच हुए पॉलिटिकल शिफ्ट्स भी डोनाल्ड ट्रंप के 2.0 कार्यकाल में अहम रूप ले सकता है. मसलन, हालिया चुनाव में देखा गया कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने डेमोक्रेट्स से हटकर ट्रंप की अगुवाई वाली रिपब्लिकन पार्टी के समर्थन में मतदान किय. खासतौर से आर्थिक मूल्यों और पारंपरिक मूल्यों की वजह से इसमें बदलाव देखा गया है.
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ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीतियों से बदल सकते हैं हालात
डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल में एंटरप्रेन्योरशिप के मोर्चे पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए अवसर के साथ चुनौतियां भी लेकर आएगा. भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने बिजनेस, रीटेल से लेकर टेक स्टार्टअप्स तक में योगदान देते हैं. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान इस कम्युनिटी के लिए ट्रंप की नीतियां मिलीजुली रही थी.
हालांकि, ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीतियां वैश्विक सप्लाई चेन पर निर्भर भारतीय-अमेरिकी एंटरप्रेन्योर्स के लिए समस्याएं भी खड़ी कर सकता है. हालांकि, ट्रेड और टैक्स के मोर्चे पर होने वाला संभावित बदलाव भारतीय समुदाय के लिए एक अवसर भी साबित हो सकता है, जहां ये परिवर्तन ट्रेड डेलपमेंट्स के नए द्वार खोल सकता है.