scorecardresearch
 

तो अब ट्रंप बनाम बाइडेन मुकाबला पक्का... जानिए पिछली बार कैसे पिछड़ गए थे डोनाल्ड, इस बार कैसे बदला हुआ है सीन

ट्रंप ने बाइडेन को डिबेट की चुनौती दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह हमारे देश और लोगों के लिए अच्छा रहेगा कि बाइडेन और मैं अमेरिका के लिए अहम मुद्दों पर बहस करें. मैं कहीं भी, कभी भी डिबेट के लिए तैयार हूं. अब बेशक ट्रंप प्राइमरी चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आत्मविश्वास में हैं. लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने ट्रंप को हरा दिया था. 

Advertisement
X
ट्रंप और बाइडेन का मुकाबला
ट्रंप और बाइडेन का मुकाबला

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप को कड़ी टक्कर दे रही निक्की हेली इस रेस से बाहर चुकी हैं. सुपर ट्यूजडे के नतीजों से साफ है कि देश के अगला राष्ट्रपति बनने के लिए अब जंग ट्रंप और जो बाइडेन के बीच होगी. 

Advertisement

ट्रंप ने छह मार्च को हुए सुपर ट्यूजडे प्राइमरी चुनाव में क्लीन स्वीप किया है. ट्रंप ने 16 में से अधिकतर स्टेट्स वर्जीनिया, नॉर्थ कैरोलिना, ओकलाहोमा, टेनिसी, मेन, टेक्सास, अर्कांसस, अलाबामा, कोलाराडो, मिनेसोटा, मैसाचुसट्स और कैलिफोर्निया प्राइमरी चुनाव में जीत दर्ज की थी. ऐसे में ट्रंप ने जोश दिखाते हुए बाइडेन को डिबेट की चुनौती भी दे दी है. 

ट्रंप की बाइडेन को चुनौती

ट्रंप ने बाइडेन को डिबेट की चुनौती दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह हमारे देश और लोगों के लिए अच्छा रहेगा कि बाइडेन और मैं अमेरिका के लिए अहम मुद्दों पर बहस करें. मैं कहीं भी, कभी भी डिबेट के लिए तैयार हूं. अब बेशक ट्रंप प्राइमरी चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आत्मविश्वास में हैं. लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने ट्रंप को हरा दिया था. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: यह भी पढ़ें: निक्की हेली ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दी मात, रिपब्लिकन प्राइमरी जीतने वाली पहली महिला बनीं

2020 के चुनाव में हारे ट्रंप क्या इस बार पलट देंगे बाजी?

डोनाल्ड ट्रंप 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन के हाथों हार गए थे. उस समय परिस्थितयां कुछ और थी और इस बार परिस्थितियां कुछ और हैं. इस बार ट्रंप को पूरा यकीन है कि वह बाइडेन को चुनावों में करारी शिकस्त देने जा रहे हैं. 

लेकिन पिछले चुनाव में ट्रंप के हारने की कई बड़ी वजह थी. ट्रंप पर महिलाओं के शोषण, यौन उत्पीड़न, खुफिया जानकारी लीक करने, चुनाव में हस्तक्षेप करने सहित 34 से अधिक आरोप लगे हैं.

ट्रंप पर एक आरोप फ्लोरिडा स्थित अपने फॉर्म हाउस मार-ए-लागो में गैरकानूनी रूप से खुफिया फाइलें जमा करने का आरोप है. कहा जा रहा है कि इन फाइलों में कई ऐसी जानकारियां थीं, जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकती थीं. इस मामले की जांच एफबीआई कर रही है. 

इसके साथ ही 2020 के चुनावों के परिणामों से पहले ही हस्तक्षेप करना और नतीजों को प्रभावित करने का भी आरोप है. उन पर चुनावों को लेकर बार-बार झूठ बोलने का भी आरोप है. 

ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ही Mee Too मूवमेंट शुरू हुआ था. उस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने आकर ट्रंप के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे. बाद में यह मूवमेंट वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहा. इससे ट्रंप की छवि को तगड़ा झटका लगा था. ट्रंप पर पूर्व पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने भी गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में कोर्ट ने उन पर 1.22 लाख डॉलर का जुर्माना लगाय था. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'हम पर भरोसा नहीं...', रूस और भारत की करीबी पर बोलीं निक्की हेली

इस तरह ट्रंप पर ये इन तमाम आरोप भारी पड़े और इस तरह बाइडेन की जीत में ट्रंप पर लगे इन आरोपों की बड़ी भूमिका रही. लेकिन इस बार हालात बदल गए हैं.

लेकिन इस बार बाइडेन पर किस तरह भारी हैं ट्रंप!

ट्रंप 2020 का राष्ट्रपति चुनाव भले ही बाइडेन के हाथों हार गए हो. लेकिन इस बार की स्थितियां बदल गई हैं. इसकी वजह है कि इस बार अमेरिका के स्थानीय मुद्दे और वैश्विक परिस्थितियां अलग हैं. इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था से लेकर शरणार्थियों का मुद्दा, विदेश नीति, क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे अहम हैं. 

अमेरिका के स्थानीय लोग अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर बहुत मुखर रहे हैं. और इस मुद्दे पर ट्रंप का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है. वह अपने कार्यकाल में कई बार अमेरिका-मेक्सिको सीमा का दौरा भी कर चुके हैं. उन्होंने पिछली बार भी क्लियर किया था कि वे अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. वह इस बार भी अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर बाइडेन को घेर चुके हैं. 

अमेरिकी का खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से बाइडेन सरकार से खफा लोग

एक सर्वे में पता चला है कि अर्थव्यवस्था के मामले में अमेरिकी लोग ट्रंप के कार्यकाल को ज्यादा महत्व देते थे. उनका कहना है कि बाइडेन की सरकार में देश की अर्थव्यवस्था बेहद खराब दौर से गुजर रही है. इसके साथ ही इजरायल और हमास जंग, रूस यूक्रेन युद्ध सहित कई वैश्विक घटनाक्रम हैं, जिन पर बाइडन सरकार को घेरने की कोशिश की जाएगी. 

Live TV

Advertisement
Advertisement