इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद डॉ कफील खान को मथुरा जेल से मंगलवार को रिहा कर दिया गया. हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत उनकी हिरासत को रद्द करते हुए तत्काल रिहाई का आदेश दिया था. रिहाई के बाद डॉक्टर कफील खान ने इंडिया टुडे से खास बातचीत की.
डॉक्टर कफील खान ने कहा कि उन्हें जेल में शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया. शुरू के 4 से 5 दिन तक खाना ही नहीं दिया गया. फिर खाने के नाम पर एक दो चपाती दी जाने लगी. उन्होंने कहा कि मैं बीआरडी ऑक्सीजन मामले के बाद जेल से बाहर आया तो मुझे राहत महसूस हुई थी, लेकिन इस बार, मुझे आघात लगा है.
उन्होंने कहा कि मैं तीन बार जेल जा चुका हूं, लेकिन इस बार अनुभव बहुत भयानक था. हालांकि कैदियों का व्यवहार मेरे प्रति अच्छा था. मैं जुडिशरी का बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने ये आदेश दिया. उत्तर प्रदेश सरकार ने बिना आधार के मेरे ऊपर केस थोपा था, जिसके चलते मुझे 8 महीने जेल में रहना पड़ा.
Dr. Kafeel Khan released from jail, talks to India Today, says- '' I was tortured in custody''#NewsToday with @sardesairajdeep pic.twitter.com/FtCMahdHIO
— IndiaToday (@IndiaToday) September 2, 2020
डॉक्टर कफील खान ने कहा, 'रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को राज धर्म के लिए काम करना चाहिए. लेकिन उत्तर प्रदेश में राजा राज धर्म नहीं निभा रहे हैं. बल्कि बाल हठ (बच्चों की तरह जिद्दी) कर रहे हैं.' रिहाई के बाद घर के माहौल पर कफील खान ने कहा कि मेरी बेटी, मेरे बड़े भाई को ही पापा जानती है. जब मैं जेल गया था तो वो बहुत छोटी थी, चल नहीं पाती है. अब वो दौड़ती- भागती है.
बता दें कि डॉ कफील खान को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीए के विरोध के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ कफील को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए. कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा था कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है.