दिल्ली में आज एकदिवसीय 'इंडिया टुडे हेल्थ कॉन्क्लेव' हो रहा है जिसमें स्वास्थ्य जगत से जुड़े विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी, राजनीतिज्ञ और डॉक्टर तथा अन्य गणमान्य लोग शिरकत कर रहे हैं. कॉन्क्लेव के दूसरे सत्र में शिरकत करते हुए देश के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट और मेदांता ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहे हैं और सरकार टीयर 2 और टीयर 3 लेवल पर ले जाने के लिए लगातार कदम उठा रही है.
बेहतर हुई हैं सेवाएं
उन्होंने कहा, '2012 के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र की पॉलिसी में बदलाव शुरू किया गया. स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं, जिसका फायदा लोगों को मिल रहा है...जो गरीबी रेखा से नीचे थे वो केवल सरकारी व्यवस्था पर निर्भर थे. गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उतनी बेहतर नहीं थी तो वो एम्स जैसे शहरी अस्पतालों की तरफ से जाते थे, जिससे सरकारी अस्पतालों पर दवाब बढ़ा. आयुष्मान भारत की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार आया.'
तो सारी जनसंख्या हो जाएगी हेल्थ इंश्योरेंस में कवर
डॉ. त्रेहन ने बताया, 'पहले 2. 4 फीसदी लोग जो गरीबी रेखा से ऊपर थे वो हेल्थ केयर के खर्चों की वजह से गरीबी रेखा से नीचे चले जाते थे, इसका मतलब है कि स्वास्थ्य सेवाओं का कितना बर्डन था सोसायटी पर.हमारी अब तीन टाइप की इंश्योरेंस हो गई अब. ये बहुत अच्छा हुआ कि आयुष्मान भारत एक्टिवेट हो गया. जो 10 करोड़ फैमिली (50 करोड़ लोग) वो उनको तो आयुष्मान भारत का विकल्प मिल गया कि वो इनरोल कर सकते हैं. दूसरा जो सरकारी स्कीम हैं जैसे ईएसआई, सीजीएचएस, ईसीएचएस है है सरकारी नौकरी वालों के लिए.यानि 20 परसेंट तो कवर कर लेता है. अब प्राइवेट इंश्योरेंस को अपर मिडिल, मिडिल या मिडिल-मिडिल क्लास के लोगों के लोगों को कवरेज देना है. जब ये स्टैक पूरा हो जाए तो इंडिया पहला देश होगा, जो सारी जनसंख्या को कवर कर सकता है.'
डॉ. त्रेहन ने कहा, 'अब जो हम जी20 की बैठक में हम एक नई रिपोर्ट लॉन्च करेंगे. अब प्रयास ये है कि जो नया रिपोर्ट लिखा जा रहा है, उस रिपोर्ट में क्लियर हो गया है कि हमने कितना सफर तय किया है और कहां- कहां हम पिछड़ गए थे.इ सलिए इस बजट में सरकार ने 140 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों को बनाने का प्रयास किया है. हेल्थ बजट हमारा अभी भी कम है.'
बताया क्यों मेडिकल टूरिज्म में हम पीछे रहे गए
उन्होंने कहा, 'पिछले 20 साल में दिन और रात का फर्क है. भारत में अच्छे डॉक्टरों की वजह से यहां इंडिया ही नहीं यूरोप से भी बेहतर रिजल्ट हैं. 120 देशों के लोग यहां आते हैं इलाज कराने. मेडिकल टूरिज्म में हम इसलिए पीछे रह गए क्योंकि हमने दुनिया को कभी इंडिया का सॉफ्ट पावर बताया ही नहीं. जो खुद समझे हैं वो ही आए हैं, यहां जो प्राइवेट सेक्टर के लोगों ने बाहर जाकर एक्सपोजर दिया है, उसी की बदौलत बना है.'
डॉ. त्रेहन ने कहा कि पहली बार सरकार एक नेशनल पोर्टल फॉर मेडिकल वैल्यू पोर्टल बना रही है, जिसके अंदर सब रजिस्टर होंगे. हमारी एजेंसी, एंबेसी उसे पॉपुलर करेंगी जिससे दुनिया को पता चले कि किस तरह की मेडिसीन इंडिया में पॉपुलर है और दुनिया में लोग आयुर्वेद को बहुत पंसद और तारीफ कर रहे हैं.उसमें बहुत क्षमता है.
विश्व को प्रदान करेंगे बेहतर सुविधाएं
उन्होंने कहा, 'आज की तारीख में आप अगर अगले 10 साल का भारत देखते हैं तो भारत की हेल्थ सेक्टर में भी डिजिटाइजेशन हो रही है. आपने कोविन में देखा, उसके कई अवतार आप देख रहे हैं. डेटा सिक्योरिटी के ऊपर अभी भी लोगों को कम विश्वास है लेकिन चीजें इंप्रूव हो रही हैं.भविष्य अच्छा दिख रहा है. यूरोप में सीटी स्कैन कराने तक के लिए 2-3 महीने की वेटिंग हैं. भारत में स्वास्थ्य सेवाए काफी बेहतर हुई हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय और निजी क्षेत्र के बीच काफी हेल्दी डिस्कशन हुआ है. मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में भारत केवल देश ही नहीं बल्कि विश्व के कई हिस्सों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा.'