scorecardresearch
 

लद्दाख में हिमस्खलन के खतरे पर काम शुरू, रिसर्च के लिए DRDO के दो लैब का विलय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशों के बाद डीआरडीओ की दो पुरानी लैब को एक कर एक नई लैब का गठन किया गया है. इससे दो लैब की क्षमता और काबिलियत एक साथ मिलकर काम करेगी और एक ही लक्ष्य पर फोकस रखेगी.

Advertisement
X
श्रीनगर-लद्दाख रोड पर बर्फबारी के बाद की तस्वीर (फोटो- पीटीआई)
श्रीनगर-लद्दाख रोड पर बर्फबारी के बाद की तस्वीर (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिमस्खलन पर अध्ययन के लिए नई लैब
  • DRDO के दो पुरानी लैब का विलय
  • लद्दाख, अरुणाचल के जलवायु का अध्ययन

रक्षा विषयों पर अनुसंधान करने वाली देश की प्रीमियर एजेंसी डीआरडीओ ने अपनी प्रयोगशालाओं को मिलाकर एक कर दिया है और एक नई लैब की स्थापना की है. ये नई लैब चीन की सीमा से लगते स्थानों पर सैनिकों के सामने पेश आने वाली चुनौतियों पर रिसर्च करेगी. इस लैब का नाम  Defence Geo Informatics Research Establishment (DGIRE) है. ये लैब मुख्य रूप से हिम स्खलन, लद्दाख की जलवायु पर रिसर्च करेगी और यहां पर तैनात सैनिकों की जिंदगी आसान करने की तरीके बताएगी.

Advertisement

बता दें कि लद्दाख, सियाचिन जैसे इलाकों में सर्दियों में तापमान माइनस 30 डिग्री से नीचे चला जाता है. इन जगहों पर हिमपात के दौरान लैंडस्लाइड और बर्फ के चट्टानों के गिरने की खबरें आती हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशों के बाद डीआरडीओ की दो पुरानी लैब को एक कर एक नई लैब का गठन किया गया है. इससे दो लैब की क्षमता और काबिलियत एक साथ मिलकर काम करेगी और एक ही लक्ष्य पर फोकस रखेगी. ये लैब लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश में तैनात सैनिकों की जिंदगी को आरामदायक बनाएगी.

जिन दो लैब का विलय किया गया है वे मनाली में स्थित Snow and Avalanche Studies Establishment (SASE) और दिल्ली स्थित Defence Terrain Research Establishment (DTRL) हैं. बता दें कि सरकार डीआरडीओ की कार्यप्रणाली में आमूल-चूल बदलाव के लिए काम कर रही है. पीएम मोदी ने इसकी जिम्मेदारी डीआरडीओ चीफ डॉ सतीश रेड्डी को दी है. 

Advertisement

मनाली स्थित SASE ने बर्फबारी और हिमस्खलन को लेकर व्यापक रिसर्च किया है और और देश के 3000 वैसे लोकेशन पर रिपोर्ट तैयार की है जहां सेना के जवान तैनात हैं. 

इसी तरह DTRL भी उन स्थानों की जलवायु और जमीन की स्थिति पर काम कर रही है, जहां सेना के जवान तैनात हैं. 

सूत्रों ने कहा कि नई लैब अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटे उन स्थानों का भी अध्ययन करेगी जहां सैनिक तैनात हैं. 

इन लैब के विलय से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरडीओ अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की है. इसमें सभी मंत्रालयों के प्रतिनिधि, डीआरडीओ चेयरमैन, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत शामिल थे.

 

Advertisement
Advertisement