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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 21 जुलाई, 2021 को ओडिशा के तट पर इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, आकाश (Akash-NG) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. उड़ान परीक्षण लगभग 12:45 बजे भूमि-आधारित प्लेटफॉर्म से किया गया था, जिसमें सभी हथियार प्रणाली तत्व जैसे मल्टीफ़ंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और लॉन्चर भी शामिल रहे.
मिसाइल सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL), हैदराबाद द्वारा अन्य DRDO लैब्स की मदद से विकसित किया गया है. इस लॉन्च को भारतीय वायु सेना के प्रतिनिधियों ने भी देखा.
फ्लाइट डेटा को कैच करने के लिए, आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया. इन प्रणालियों द्वारा कैप्चर किए गए संपूर्ण फ्लाइट डेटा सफल लॉन्च की पुष्टि की गई है. परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने तेज और फुर्तीले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए भी बेहतरीन प्रदर्शन किया.
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इसके साथ ही आत्म निर्भर भारत और भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में DRDO ने स्वदेशी रूप से विकसित कम वजन, फायर एंड फॉरगेट मैन पोर्टेबल एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. मिसाइल को थर्मल साइट के साथ एकीकृत एक मैन पोर्टेबल लॉन्चर से लॉन्च किया गया. मिसाइल ने डायरेक्ट अटैक मोड में लक्ष्य को मारा और उसे सटीक रूप से नष्ट कर दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, बीडीएल, बीईएल, भारतीय वायु सेना समेत सभी को बधाई दी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि मिसाइल भारतीय वायु सेना को मजबूत करेगी.