67वें स्थापना दिवस के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2025 के लिए अपने कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया कि संगठन 100 अहम परियोजनाओं को पूरा करेगा और 6,000 से ज्यादा परीक्षणों अंजाम दिया जाएगा, जिसे नई ऊंचाई माना जा रहा है.
कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में भारत की रक्षा क्षमताओं को सशक्त बनाने में DRDO के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया गया है और DRDO को आधुनिक जरूरतों के हिसाब से एडवांस्ड प्रोडक्ट्स का डेवलपमेंट करने पर ध्यान होगा. उन्होंने कहा, “अगले स्थापना दिवस तक हमें 100 परियोजनाओं की सफलता का जश्न मनाना चाहिए.”
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उद्योगों और स्टार्ट-अप्स के साथ मिलकर काम करने की जरूरत!
DRDO को उद्योगों और स्टार्ट-अप्स के साथ मिलकर काम करने की जरूरतों पर जोर देते हुए, राजनाथ सिंह ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनर्शिप को आगे बढ़ाने की अपनी मंशा जाहिर की. उन्होंने कहा कि DRDO को शैक्षणिक संस्थानों, निजी क्षेत्र, और स्टार्ट-अप्स के साथ एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने की अगुवाई करनी होगी. प्रत्येक प्रयोगशाला को उद्योगों और युवाओं के साथ जुड़े रहने के लिए काम करना चाहिए.
2024 में डीआरडीओ ने किए 5000 परीक्षण
DRDO के अध्यक्ष, डॉक्टर समीर वी कामत ने संगठन की 2025 की योजना पेश की. उन्होंने 2024 में मिशन मोड परियोजनाओं के लिए 19 से अधिक निजी उद्योगों के साथ भागीदारी पर जोर दिया और परीक्षण सुविधाओं के बढ़ते इस्तेमाल की चर्चा की. पिछले वर्ष DRDO ने 5,000 से अधिक परीक्षण किए और 1,950 सिस्टम्स को भारतीय उद्योगों के साथ साझा किया गया, और 256 नए लाइसेंसिंग एग्रीमेंट्स किए गए.
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लॉन्ग-रेंज हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल टीम को किया सम्मानित
अपने संबोधन में, राजनाथ सिंह ने DRDO को वैश्विक प्रगति पर ध्यान केन्द्रित रखने की अपील की. उन्होंने कहा, “हमें तकनीकी तौर पर उन्नत देशों में इनोवेशन की लगातार मॉनीटरिंग करनी चाहिए और अपनी समाधान विकसित करने में इन्हें मापदंड के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए.” सभा के दौरान राजनाथ सिंह ने लॉन्ग-रेंज हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल डिजाइन टीम को सम्मानित किया. इन नए लक्ष्यों के साथ, DRDO देश की रक्षा को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रही है.