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पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की तरफ से भारत के ख़िलाफ़ ड्रोन को लेकर साज़िश रची जा रही है. सीमा पार से ड्रोन के जरिये हथियार, ड्रग्स और स्टिकी बम भेजे जा रहे हैं. पाकिस्तान की इस चाल को नाकाम करने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स (BSF) ने इंटरनेशनल बॉर्डर और LOC पर मोबाइल हंटिंग टीम तैनात कर दी है. सूत्रों के मुताबिक इस टीम में एक टेक्निकल विंग होगी, जो ड्रोन एक्टिविटी के इनपुट्स के आधार पर एक्शन लेगी. मकसद यही है कि सीमा पर कोई भी दुश्मन ड्रोन नज़र आए तो उसको वहीं ध्वस्त कर देना है.
आज़तक को एजेंसियों के हवाले से ख़बर मिली है कि पाकिस्तानी ड्रोन से हथियार और ड्रग्स भेजने के लिए ISI ने कई ड्रोन सेंटर LOC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैयार किए हैं. इतना ही नहीं, भारतीय सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए "डमी ड्रोन" में हथियार और विस्फोटक उतारने का प्लान भी तैयार किया है. BSF के सूत्रों के मुताबिक ड्रोन हंटिंग टीम तैयार की गई है. आजतक ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के फॉरवर्ड डिफेंस लोकेशन पर पहुंचकर बीएसएफ की तैयारियों और ड्रोन हंटिंग टीम के बारे में जानकारी हासिल की. यह ड्रोन हंटिंग टीम दुश्मन ड्रोन के उड़ते ही सक्रिय हो जाती है और उसको वहीं पर मार गिराया जाता है.
हाल ही में भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने एक चैटरिंग डिकोड किया था, जिसमें पाकिस्तान जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर कठुआ, सांबा और हीरानगर सेक्टर से हथियार भेजने के लिए जिन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, उसके लिए बकायदा कोड वर्ड "परिंदा" प्रयोग किया जा रहा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की ड्रोन भेजने वाली चाल की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी. वहीं बीएसएफ़ सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ बॉर्डर पर 12 जगहों पर एंटी ड्रोन सिस्टम और ड्रोन हंटिंग टीम एक्टिव की गई है.
क्या है एंटी ड्रोन सिस्टम की खासियत
एंटी ड्रोन सिस्टम जैमर और सेंसर से लैस होगा. इसमें 360 डिग्री निगरानी करने की भी प्रणाली मौजूद होगी. इसके जरिए भारतीय सीमा में आने वाले किसी भी ड्रोन पर नजर रखी जा सकेगी. सुरक्षा महकमे के एक अधिकारी के मुताबिक एंटी-ड्रोन सिस्टम में रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, एलेक्ट्रो-ऑप्टिक सेंसर, जैमर और कंट्रोलर मैकेनिज्म होगा. इसके राडार में ड्रोन की दिशा की सटीक जानकारी देने की क्षमता होगी. इस सिस्टम में कैमरे भी लगे होंगे. साथ ही इसका जैमर इतना ताकतवर होगा कि जिससे 5 सेकेंड से भी कम समय में सिग्नल जाम किए जा सकेंगे. अगर पाकिस्तान चालाकी करके प्री प्रोग्राम्ड ड्रोन भारत के अंदर भेजता है तो उसको भी इस नए सिस्टम से जाम कर दिया जाएगा.
बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि ये सिस्टम छोटे आकार का होगा और इसकी तैनाती प्रक्रिया भी आसान से की जा सकेगी. इसे 10 मिनट से भी कम समय में अंतरराष्ट्रीय सीमा और फॉरवर्ड डिफेंस लोकेशन के किसी भी एरिया में स्थापित किया जा सकता है. ये सब काम मोबाइल हंटिंग टीम के जिम्मे होगा. साथ ही पूरे सिस्टम को छोटे-छोटे हिस्सों में खोला जा सकता है. जिससे इसे कहीं भी ले जाना आसान होगा. यही नहीं एंटी-ड्रोन सिस्टम दिन के साथ-साथ रात में भी निगरानी करने में सक्षम होगा. इस सिस्टम में ये भी तकनीक विकसित की जा रही है कि ये एक समय में एक से अधिक ड्रोन का पता लगा सके, उसकी लोकेशन को डिटेक्ट कर उसे कंट्रोल रूम तक सूचित कर सके.
किन तरीकों से दुश्मन ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है
जानकर कहते हैं कि आतंकी हथियारों की कमी को दूर करने के लिए ड्रोन के जरिए पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, गुजरात के इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी के जरिए हथियार भेजने की तैयारी है. हाल ही में पंजाब और जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने चीन निर्मित पाकिस्तान के कई ड्रोन अपने कब्जे में लिए हैं, जिसमें काफी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला है.
डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस ड्रोन का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर इंटरनेशनल बॉर्डर और LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर कर सकता है. इसके जरिए बड़ी आतंकी घुसपैठ की कोशिश पाकिस्तान कर रहा है.