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पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल से शुरू होगा 'दुआरे सरकार' कैंपेन, क्या है इस अभियान का मकसद?

ममता सरकार एक अप्रैल से दुआरे सरकार कैंपेन शुरू कर रही है. इसे लेकर हर जिले में कंट्रोल रूम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई भी लापरवाही या गड़बड़ी करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

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ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार  एक अप्रैल से 'दुआरे सरकार' कैंपेन शुरू करने जा रही है. इसे लेकर सरकार की ओर से अफसरों को सख्त हिदायत दी गई है कि 'दुआरे सरकार' शिविर में अगर किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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एजेंसी के मुताबिक एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दुआरे सरकार कैंपेन को लेकर शनिवार को एक बैठक हुई थी. इसकी अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने  कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में कंट्रोल रूम खोलने के निर्देश दिए हैं. 

मुख्य सचिव ने कहा कि कंट्रोल रूम में किए गए हर कॉल के लिए उपयुक्त और उचित प्रतिक्रिया की अपेक्षा की जाती है. शिविरों में अवांछित गतिविधियों को अंजाम देने वाले व्यक्तियों के साथ सख्ती से निपटा जाए. साथ ही त्वरित कार्रवाई की जाए. 

मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने कहा कि "'दुआरे सरकार' के छठे एडिशन का मुख्य लक्ष्य बूथ स्तर के शिविर आयोजित करके हर घर तक पहुंचना और राज्य के सभी पात्र नागरिकों को 33 योजनाओं के तहत सेवाएं प्रदान करना है. इसके साथ ही सभी विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जिलों को टास्क फोर्स की बैठकें बुलाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
 

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