चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने राजस्थान में लू-तापघात के प्रकोप को देखते हुए सभी चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त कर मुख्यालय पर ही रहने के लिए पाबंद किया है. विशेष परिस्थितियों में सक्षम स्तर से स्वीकृति उपरांत ही कार्मिक अवकाश पर जा सकेंगे. अवकाश स्वीकृति की सूचना निदेशालय को आवश्यक रूप से देनी होगी.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के अनुसार चिकित्सकों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के अवकाश निरस्त कर उन्हें लू-तापघात से बचाव एवं उपचार के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
हेल्पलाइन नंबर का प्रचार करने के निर्देश
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि सर्कुलर में निर्देश दिए गए हैं कि चिकित्सा सेवाओं से संबंधित कार्यालयों में चौबीस घंटे कंट्रोल रूम क्रियाशील रहेंगे. आपात स्थिति में नागरिक टोल फ्री नंबर 108, 104 एवं हेल्पलाइन नंबर 1070 पर भी संपर्क कर सकते हैं. इन हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं.
मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखने के निर्देश
सर्कुलर में सभी चिकित्सा संस्थानों में लू-तापघात के मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखने, आवश्यक दवा एवं जांच सुविधाओं एवं पर्याप्त मात्रा में आइस पैक, आइस क्यूब आदि की उपलब्धता रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, यह सुनिश्चित करना होगा कि एम्बुलेंस में एयर कंडीशनर दुरुस्त हो तथा आपात स्थिति में उपचार हेतु आवश्यक दवा एवं उपकरण उपलब्ध हों.
आशा कार्यकर्ता को जागरूक करें
सर्कुलर में आशा कार्यकर्ताओं को लू-तापघात से संबंधित व्यापक आईईसी गतिविधियां कर आमजन को गर्मी एवं लू से बचाव हेतु जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, मनरेगा साइट्स पर मेडिकल किट्स की उपलब्धता, चिकित्सालयों में पानी एवं बिजली की सुचारू आपूर्ति रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. इन सब व्यवस्थाओं के संबंध में प्रतिदिन निदेशालय को निर्धारित प्रारूप में सूचना भिजवानी होगी. जिला प्रशासन के साथ समन्वय रखते हुए लू से बचाव के लिए किए गए उपायों से निदेशालय को अवगत कराना होगा.