भारत और चीन के बीच एलएसी (LAC) पर इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं हैं. दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. ऐसे में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार (12 दिसंबर) को चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस साल के घटनाक्रम बहुत परेशान करने वाले हैं, जिसके चलते बुनियादी चिंताएं पैदा हुईं हैं. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ है, वह वास्तव में चीन के हित में नहीं है, क्योंकि इसने जन भावना को काफी प्रभावित किया है. LAC पर जारी गतिरोध को लेकर जयशंकर ने कहा कि दूसरे पक्ष (चीन ) ने समझौतों का पालन नहीं किया. ये गतिरोध कब खत्म होगा, इस पर मैं कोई अनुमान नहीं जताऊंगा.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मैंने पिछले कई दशकों में चीन और भारत के रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखा है. एक समय तो हालात और भी कठिन दिन थे. हालांकि, इस वर्ष की घटनाओं ने रिश्ते सुधारने में मदद बिल्कुल भी नहीं की है. वहीं, भारत सरकार के रुख को दोहराते हुए, जयशंकर ने कहा कि हमारा परीक्षण किया जा रहा है और मुझे पूरा विश्वास है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौती पर खरे उतरेंगे.
बकौल विदेश मंत्री एस जयशंकर, मुझे लगता है कि असली खतरा सद्भावना नष्ट होने को लेकर है, जिसे बड़ी सूझबूझ और सावधानी से विकसित किया गया था. वहीं, भारत अमेरिकी व्यापार सौदे पर उन्होंने कहा कि व्यापार के मुद्दों को हल करने को लेकर हमारी सरकार और ट्रम्प प्रशासन के बीच काफी गंभीर बातचीत हुई थी. हमारे बीच सामान्य विचार यह था कि आगे बढ़ने से पहले मतभेदों से निपटें.
उधर, विदेश मंत्री के आज के बयान से पहले भारत ने शुक्रवार को कहा था कि बीत 6 महीने से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध चीन की उकसावे वाली कार्रवाइयों का परिणाम है. चीन ने एलएसी पर स्थिति को "एकतरफा ढंग से बदलने" की कोशिश की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि ये द्विपक्षीय संबंधों तथा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.
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