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अंडमान और निकोबार में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 4 रही तीव्रता

Earthquake: पिछले कई दिनों से अलग-अलग जगहों पर आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक शुक्रवार को पोर्टब्लेयर में रात करीब 11:56 पर भूकंप महसूस किया गया. इससे पहले 24 मार्च को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 मापी गई थी. इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था.

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भूकंप के झटकों से फिर दहली धरती
भूकंप के झटकों से फिर दहली धरती

अंडमान और निकोबार में शुक्रवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक शुक्रवार को पोर्टब्लेयर में रात करीब 11:56 पर भूकंप महसूस किया गया. 

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बता दें कि पिछले कई दिनों से अलग-अलग जगहों पर आए दिन भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इससे पहले 24 मार्च को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 मापी गई थी. इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था.

गुरुवार को चिली में दहली धरती

दक्षिण अमेरिकी देश चिली में 30 मार्च को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. गुरुवार देर रात आए इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2 मापी गई थी. इसके बाद अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस हुए. चिली में ये भूकंप 30 मार्च को 23:03:12 बजे आया था. इसका केंद्र जमीन के अंदर 13 किमी गहराई में था. इससे पहले बीते 23 मार्च को भी चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई थी.

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क्यों और कैसे आता है भूकंप?

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.

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