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मणिपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, रिक्टर स्केल पर 4.5 रही तीव्रता

भारत के मणिपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई है.

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मणिपुर में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मणिपुर में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत के पूर्वोत्तर में आज सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 रही. भूकंप के ये झटके मणिपुर में महसूस किए गए. 

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भूकंप की जानकारी देने वाले नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया कि मणिपुर के कामजोंग में भूकंप आया. भूकंप के ये झटके सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 रही और इसकी गहराई 67 किलोमीटर रही.

इससे पहले देर रात अंडमान सागर में भी भूकंप आया था. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रात सवा 12 बजे अंडमान सागर में भूकंप आया था. इसकी तीव्रता 4.9 थी.

क्यों आता है भूकंप? 

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है. 

ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये लगातार हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है. कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं. 

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इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है. कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते. जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है.

भूकंप से कैसे बचें? 

भूकंप के झटके महसूस आने पर डरने की बजाय सावधानी और संयम बरतें. अगर आप भूकंप के झटके महसूस करते हैं तो सबसे पहले घर से बाहर निकलकर खुली जगह पर जाने की कोशिश करें. 

अगर गली काफी संकरी हो और दोनों ही ओर बहुमंजिला इमारतें बनी हों, तो बाहर निकलने से कोई फायदा नहीं होगा. तब घर में ही सुरक्ष‍ित ठिकाने पर रहें. 

अगर घर से बाहर निकलने में काफी वक्त लग सकता है, तो घर के कमरे के किसी कोने में या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाएं. कोशिश करें कि सिर के साथ-साथ शरीर के अन्य संवेदनशील अंग बचे रहें.

 

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