दुनिया के तीन देशों में मंगलवार सुबह एक साथ भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र चीन के कंट्रोल वाले तिब्बत में था, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.1 मापी गई. यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक नेपाल और भारत के सिक्किम की सीमा के पास चीन के कंट्रोल वाले तिब्बत क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार सुबह 9:05 बजे 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से लगभग 91 किमी (56 मील) दूर स्थित था.
भूटान और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का प्रभाव इस पूरे क्षेत्र में व्यापक रूप से महसूस किया गया. तिब्बत में रुक-रुककर कई बार झटके महसूस किए गए. सिन्हुआ के मुताबिक, मंगलवार सुबह स्थानीय समयानुसार 7.02 बजे के आसपास दक्षिण-पश्चिम चीन के शिजांग इलाके में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद करीब 9:37 बजे 4.9 तीव्रता का भूकंप आया. उसी क्षेत्र में भूकंप के तीन और झटके स्थानीय समयानुसार क्रमश: सुबह 9:43 बजे, सुबह 9:59 बजे और सुबह 10:14 बजे महसूस किए गए.
रिक्टर स्केल पर इन सभी भूकंप की तीव्रता 5 से कम मापी गई. इस तरह करीब एक घंटे में कुल 6 भूकंप आए, जिनमें सुबह 9:05 बजे आया 7.1 तीव्रता का भूकंप सबसे ताकतवर था. भारत में पूर्वोत्तरी राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार में भी झटके महसूस किए गए. सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने घरों के अंदर के वीडियो शेयर किए, जिसमें भूकंप के कारण पंखे हिल रहे थे. भूकंप के कारण जानमाल कि क्षति के बारे में फिलहाल कोई विवरण उपलब्ध नहीं है.
यूएसजीएस (Unites States Geological Survey) ने कहा कि भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 7.1 थी और यह धरती के सतह से लगभग 10 किलोमीटर नीचे आया, जिससे यह बहुत ज्यादा विनाशकारी साबित नहीं हुआ. यूएसजीएस के कंप्यूटर मॉडल का अनुमान है कि 105 मिलियन लोगों ने मंगलवार के भूकंप को महसूस किया होगा, जिसमें 76,000 ऐसे लोग शामिल होंगे जिन्होंने 'तीव्र' से 'गंभीर' भूकंप का अनुभव किया होगा. नेपाल के एक निवासी ने ईएमएससी (European-Mediterranean Seismological Centre) को बताया, 'काफी तेज झटके महसूस हुए. सुबह-सुबह ठंड में हर कोई अपने घरों से बाहर निकल आया. भूकंप के झटकों के कारण पेड़ों पर बैठे पक्षी आसमान में उड़ने लगे.'
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने चीनी अधिकारियों के हवाले से तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगात्से शहर में 6.8 तीव्रता का एक और भूकंप आने की सूचना दी. चीन के पब्लिक ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में शिगात्से के 200 किमी की परिधि में 3 या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आ चुके हैं. नेपाल और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के तेज झटके आते रहते हैं. अप्रैल 2015 में काठमांडू के उत्तर-पश्चिम में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और हजारों घायल हो हुए थे. नेपाल भूवैज्ञानिक रूप से ऐसे क्षेत्र में बसा है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, जिससे हिमालय बनता है और इस रीजन में अक्सर भूकंप आते रहते हैं.
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है. 5 या उससे नीचे की तीव्रता वाले भूकंप में जानमाल के नुकसान की गुंजाइश कम होती है. वहीं, इससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप में नुकसान का जोखिम बना रहता है. जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या असर हो सकता है...
- रिक्टर स्केल पर 0 से 1.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- रिक्टर स्केल पर 2 से 2.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- रिक्टर स्केल पर 3 से 3.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
- रिक्टर स्केल पर 4 से 4.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- रिक्टर स्केल पर 5 से 5.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
- रिक्टर स्केल पर 6 से 6.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
- रिक्टर स्केल पर 7 से 7.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
- रिक्टर स्केल पर 8 से 8.9 के बीच की तीव्रता वाला भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.
- रिक्टर स्केल पर 9 और उससे ज्यादा की तीव्रता वाला भूकंप आने पर भारी तबाही मचती है. सुनामी आती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी.